राखी का बाजार सजना शुरू, पूरे अंचल में ग्वालियर से पहुंचती हैं राखियां

रक्षाबंधन का त्योहार आने में अभी 15 दिन बाकी हैं। मगर राखी का बाजार सजना शुरू हो गया है। इस साल बाजार में चंदन की राखियां अपनी विशेष खुशबू बिखरने वाली हैं, क्योंकि शहर के थोक कारोबारियों ने बहुत अधिक चंदन की राखियां मंगाकर बिक्री शुरू कर दी है। साथ ही ईविल आई (नजरबट्टू) की राखियां भी सबसे अधिक डिमांड में हैं।
माधौगंज के थोक राखी कारोबारी ने बताया कि कोलकाता, राजकोट, अहमदाबाद, मुंबई और दिल्ली से अलग-अलग तरह की राखियों की खरीदारी की गई है। इस साल स्टोन राखियों की खरीदारी खेरिज कारोबारियों द्वारा अधिक की जा रही है। राजकोट से स्टोन एवं मैटल, अहमदाबाद से धागा डोरी, कोलकाता से लंबे एवं महिलाओं की राखियां, दिल्ली से मोती वाले धागे व मुंबई से मिश्रित राखियां खरीदी गई हैं। कारोबारियों के मुताबिक शहर में ढाई करोड़ से अधिक की राखियों का व्यापार होता है । राखियों की औसत कीमत 20 रुपए रहती है। हालांकि प्रीमियम राखियों के दाम 300 रुपए तक भी हैं। ग्वालियर करीब 40 थोक कारोबारी हैं, जो बड़े पैमाने पर राखियों की अन्य राज्यों से खरीदी करके लाते हैं। भिंड, मुरैना, शिवपुरी, गुना, घाटीगांव समेत अंचल के ग्रामीण एवं कस्बाई इलाकों में ग्वालियर से राखियां पहुंचती हैं।