
ग्वालियर। मध्य प्रदेश का परिवहन मुख्यालय अब नाम का रह गया है। जहां मुखिया यानी आयुक्त की मौजूदगी रहना चाहिए वहां यह हाल है कि लभभग एक माह से वे आए ही नहीं है। यह स्थिति अभी से नहीं बल्कि उनके ज्वाइन करने के बाद ही है, अब बचे अपर आयुक्त उमेश जोगा तो वे प्रवर्तन के कार्य ही देख पाते हैं क्योंकि यह मुख्यालय है तो आयुक्त को सीधे आने वाली शिकायतों का उनके पास भी समाधान नहीं होता।
खास बात यह कि प्रदेश में परिवहन चौकियों की व्यवस्था समाप्त कर चेक प्वाइंट बनाने की नई व्यवस्था के बाद वसूली की नहीं, लेकिन जिलों से दूसरी तरह की शिकायतें भी मुख्यालय पहुंचती है। अब ऐसे में आयुक्त नहीं मिलते तो शिकायतों का ढेर लग जाता है। जिस अंचल में परिवहन मुख्यालय है वहीं आयुक्त नहीं मिलते हैं जिस कारण लोगों से लेकर कारोबारियों की परिवहन संबंधी समस्याएं जस की तस बनी रहती हैं। बता दें, एक जुलाई से मप्र शासन ने प्रदेश में गुजरात माडल को लागू करते हुए परिवहन चौकियों को समाप्त कर दिया। अब नए चेक प्वाइंट के संचालन के लिए 21 बिंदु एसओपी में आदेशित किए हैं जिनका पालन अधिकारियों को करना होगा। मप्र में वाहन ओवरलोडिंग चेक करने व मोटर मोटरयान अधि. और नियर्मो में उल्लेखित प्रविधानों का पालन सुनिश्चित करने के लिए अंतरराज्यीय सीमाओं पर वर्ष 1985 से वर्ष 2010 तक कुल 40 स्थायी और सात अस्थायी चेकपोस्टों की स्थापना की गई थी।
इनमें से वर्तमान में 19 इंटीग्रेटेड कंप्यूटराइज्डचेकपोस्ट व 21 मानवीय रूप से संचालित चेकपोस्ट कुल 40 परिवहन चेकपोस्ट संचालित थे। लगातार शिकायतों व बदनामी के बाद शासन द्वारा एक जुलाई 2024 से प्रदेश के समस्त परिवहन चेकपोस्टों का संचालन बंद करने का आदेश जारी किया। अब एक माह इस आदेश को जारी किए हुए हो चुका है लेकिन चेक प्वाइंट अभी तक मैदान में नहीं उतर सके हैं। आपरेटरों से लेकर ट्रांसपोर्टरों की आ रहीं शिकायतें परिवहन मुख्यालय में पहुंचने वाली शिकायतों की सुध ही नहीं ली जाती है। आयुक्त से मिलने के लिए लोग रोज चक्कर लगाते हैं लेकिन आयुक्त ही नहीं होते तो लौट जाते हैं। बस आपरेटरों की शिकायतें भी पहुंच रही हैं। इसके अलावा अंचल के कारोबारी व ट्रांसपोर्टर भी परेशान हो रहे हैं। परिवहन चेक प्वाइंट पर होमगार्डों की तैनाती की जा रही है, इसके लिए 200 होमगार्ड परिवहन में प्रतिनियुक्ति पर भेजे जाएंगे। फिलहाल अलग-अलग जिलों में होमगार्डों को आमद देने भेजा जा रहा है। चेक प्वाइंटों को लेकर संसाधनों व वाहनों की व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं।

