
भारत के लोगों ने ……………..बजट भाषण के प्रारम्भ में जब ध्वनि गंूजी तो ऐसा आभास हुआ है जैसे वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन ने विकसित भारत की संकल्पना का उद्घोष करते हुए भारतीय अर्थतंत्र को जनोन्मुखी बनाने के मोदी सरकार के संकल्प का शंखनाद किया हो।
अंतरिम बजट से आगे संसद में मोदी सरकार के अपने पूर्ण बजट में समावेशी विकास की संकल्पना की गयी है। वैसे तो 2014 में जब पहली बार नरेन्द्र मोदीजी के नेतृत्व में सरकार गठित हुयी थी तभी से समाज के वंचित वर्ग के विकास को प्राथमिकता देते हुये देश के सर्वांगीण विकास का मॉडल तैयार किया था। मुझे स्मरण है कि अरूण जेटली ने अपने बजट भाषण में जो प्राथमिकताएं गिनाई थी सरकार ने लगभग सभी को पूर्ण किया है। वित्तमंत्री ने दस साल की सरकार का जो वित्तीय कथानक प्रस्तुत किया है उसमें इस सदी के भारत की विकास गाथा लिखी जायेगी। जब 5 ट्रिलीयन इकॉनामी का जिक्र किया जाता है तो इसे एक नारा नहीं समझना चाहिये। हम उस दिशा में लगातार और सधे हुये कदमों से आगे बढ़ रहे हैं, यह स्पष्ट गोचर होता है।
मोदी सरकार ने विकसित भारत के लक्ष्य के लिये विस्तृत रोड मैप प्रस्तुत करने का वचन दिया था। इस कड़ी में 9 प्राथमिकतओं की परिकल्पना की गयी है-
1. कृषि 2. रोजगार 3. मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय 4.विनिर्माण 5. शहरी विकास 6. ऊर्जा सुरक्षा 7. अधोसंरचना 8. नवाचार 9. अगली पीढ़ी में सुधार।
सरकार ने समाज के 4 वर्गाें गरीब, महिला, युवा और अन्नदाता पर ध्यान केन्द्रित किया है। किसानों को लागत पर कम से कम 50 प्रतिशत मार्जिन देने का वायदा पूरा किया गया है। देश के 80 करोड़ लोगों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना अगले 5 वर्षों के लिये बढ़ा दी गयी है, जिससे 80 करोड़ लोग प्रत्यक्ष रूप से लाभान्वित होंगे। शिक्षा रोजगार और कौशल प्रशिक्षण हेतु 1.48 लाख करोड़ रूपये का प्रावधान रखा गया है।
प्राकृतिक खेती, दलहन-तिलहन उत्पादन, सब्जी उत्पादन झींगा उत्पादन जैसे क्षेत्रों में विशेष प्रावधान किये गये हैं।
इस बजट में महिलाओं और बेटियों को लाभ देने हेतु रूपये 3 लाख करोड़ का प्रावधान रखा गया है जो आर्थिक विकास में महिलाओं की भूमिका बढ़ाने के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता का संकेत है। वहीं जनजातीय वर्ग की सामाजिक आर्थिक स्थिति में सुधार करने के लिये जनजातीय बहुलता वाले गांवों और आकांक्षी जिलों में विशेष प्रावधान किया गया है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अन्तर्गत 63000 गांव शामिल होंगे और जनजातीय समुदाय के लगभग 5 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे। सरकार ने टैक्स के बोझ को बढ़ाये बिना एक समावेशी बजट प्रस्तुत किया है। एक लोक कल्याणकारी सरकार ने आय के स्रोतों का सही नियोजन करते हुये जनता के कल्याण और देश के सरकार नई पेंशन योजना में संशोधन और सुधार पर भी कार्य कर रही है और कर्मचारियों के हितों को अक्षुण्ण रखने हेतु प्रतिबद्ध है। बजट से प्रतीत होता है कि ग्रामीण और शहरी विकास दोनों पर सरकार समान रूप से फोकस कर रही है और विकास की अवधारणा केवल भौतिक विकास नहीं होगा अपितु विकास भी विरासत भी का प्रतिबिम्ब दिखेगा।
औषधियों और चिकित्सा उपकरणों को सीमा शुल्क से छूट का प्रस्ताव दिया गया है जो आम भारतीय के प्रति सरकार के दृष्टिकोण का परिचायक है। वहीं सरकार करों को सरल बनाने एवं कर दाता सेवाओं में सुधार करने का प्रयास करेगी।
देश को सशक्त बनाने एवं देश वासियों की खुशहाली के लिये उच्चकोटि का वित्तीय प्रबंधन किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महाकवि कालिदास की उस व्याख्या को चरितार्थ किया है जिसमें कहा गया है।
प्रजानामेव भूत्यर्थं स ताभ्यो बलिम् अग्रहीत्।
सहस्रगुणमुत्स्रष्टुम् आदत्ते हि रसं रविः।।
अर्थात् राजा अपनी प्रजा से उसी प्रकार कर लिया करते हैं जैसे सूर्य समुद्र से जल लेकर पृथ्वी को वापस कर देता है।
(लेखिका भाजपा की सांसद हैं एवं यह उनके अपने विचार हैं।)

