
ग्वालियर। भाजपा में जिलास्तर पर मंडल की कार्यकारिणी घोषित करने की तैयारी चल रही है। जबकि प्रदेश नेतृत्व से संगठन के चुनाव संबंधी दिशा-निर्देश के साथ संभावित कार्यक्रम भी जारी हो चुका है। संगठन में चुनाव की प्रक्रिया शुरू होने से पहले मंडल कार्यकारिणी घोषित करने की तैयारियों पर आंतरिक रूप से सवाल उठाए जा रहे हैं। अगर अभी कार्यकारिणी घोषित होती है, इसका कार्यकाल बमुश्किल ढाई माह होगा। अक्टूबर माह में बूथ व मंडलों का नए सिरे से गठन होना तय है। वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि संगठन स्तर पर चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद जिला इकाई के अधिकार भी स्वत: शिथिल हो जाते हैं।
भाजपा की जिला इकाई ने नगर के मंडल अध्यक्षों को अपनी-अपनी कार्यकारिणी गठित करने के संकेत दिए हैं। जिले से संकेत मिलने के बाद अपने मंडल क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं से कार्यकारिणी के नाम प्रस्तावित करने का आग्रह किया जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अनाधिकृत रूप से कहा जा रहा है कि जब ढाई माह बाद मंडलों का पुर्नगठन किया जाना हैं, तो फिर अब कार्यकारिणी घोषित करने का क्या औचित्य है। ढाई माह बाद ही इन पदाधिकारियों के नाम के पीछे केवल पूर्व लग जाएगा। जबकि कार्यकारिणी गठन का पक्ष लेने वाले नेताओं का कहना है कि लंबे समय से मंडल में स्थान मिलने की उम्मीद लगाए बैठा है और कार्यकारिणी घोषित होने से उसकी संगठन में सीनियरिटी भी बढ़ जाएगी। निर्देशों के अनुसार एक अगस्त से 15 सितंबर तक साधारण सदस्यता अभियान चलना हैं और एक सितंबर से सक्रिय सदस्यता होनी है। उसके एक सप्ताह बाद सदस्यता का सत्यापन होना है। सत्यापन की प्रक्रिया के बाद बूथ व मंडल के चुनाव होना लगभग तय है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि मंडल अध्यक्षों ने कार्यकारिणी के लिए नाम प्रस्तावित करने का आग्रह किया है, लेकिन ढाई महीने के लिए कार्यकारिणी घोषित करने का औचित्य समझ में नहीं आ रहा है।
भाजपा में जिलास्तर पर मंडल कार्यकारिणी घोषित करने की तैयारी, नेताओं से मांग रहे नाम

