आयुष्मान कार्ड की आड़ में मरीज को लूट रहे निजी अस्पताल


ग्वालियर। आयुष्मान कार्ड की आड़ में मरीजों को लूटने के लिए निजी अस्पताल नए नए तरीके निकाल रहे हैं। मरीज को लूटने के लिए डॉक्टरों ने अब एक और तरीका ढूंढ लिया है। सरकार के स्पष्ट निर्देश है कि आयुष्मान कार्ड धारी मरीज का पूरी तरह मुफ्त इलाज किया जाए। मरीज के इलाज में खर्च होने वाली राशि का भुगतान सरकार करती है। बावजूद इसके मरीज को लूट कर उनकी जेब से रूपया डॉक्टर निकलवा रहे है।
निजी अस्पताल में मरीज के भर्ती होने के साथ ही मुफ्त इलाज का प्रावधान है, लेकिन पैसे के लिये डॉक्टर इलाज तो शुरू कर देते हैं, इसके एवज में इलाज शुरू होने से पहले ही मरीज के परिजनों से एडवांस के तौर पर मोटी रकम वसूल लेते हैं। दरअसल होता यह है कि अस्पताल में भर्ती मरीज का इलाज तो शुरू हो जाता है, लेकिन आयुष्मान कार्ड का अप्रूवल 24 घंटे बाद आता है। इसी का फायदा उठाकर निजी अस्पताल संचालक और डॉक्टर 24 घंटे के भीतर ही मरीज की जेब काटना शुरु कर देते हैं। एडवांस के तौर पर मरीज के परिजनों से लिया गया पैसा अस्पताल संचालक की जेब में जाता है। जब मरीज का परिजन एडवांस की राशि वापस मांगता है, उसे इधर-उधर का खर्च बताकर गुमराह किया जाता है। ज्यादातर मरीज और उनके परिजनों को आयुष्मान कार्ड के अंतर्गत मिलने वाली सुविधा के नियमों की जानकारी नहीं होती है, इसलिए वह भी झांसे में आ जाते हैं। इसके बाद शुरू होता है दूसरा खेल। मरीज को अनावश्यक दवाओं का सेवन कराया जाता है तथा आईसीयू जैसी सुविधा दिखावे के लिए उपलब्ध कराई जाती है जिसकी कोई जरूरत नहीं होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि सरकार को भेजे जाने वाले इलाज की खर्च को बढ़ा चढ़ा कर बताया जा सकें, ताकि निजी अस्पताल संचालकों को सरकार की तरफ से दोगुनी और तीन गुनी राशि मिल सकें।