
ग्वालियर। सनातन धर्म में एकादशी व पूर्णिमा का विशेष महत्व है। बैसाख मास शुक्ल पक्ष की मोहिनी एकादशी कई शुभ योग के साथ 19 मई रविवार को पड़ेगी और मोहिनी एकादशी पर मोक्ष की कामना व श्री हरि और बैसाख पूर्णिमा 22 मई बुधवार को मनाई जायेगी। वैशाखी पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र फलदायी माना गाया है। भविष्य पुराण, आदित्य पुराण में वैशाखी पूर्णिमा को अत्यंत पवित्र एवं फलदायी माना गया है। इस दिन पिछले एक महीने से चला आ रहा वैशाख स्नान एवं विशेष धार्मिक अनुष्ठानों की पूर्ण आहूति की जाती है। मंदिरों में हवन-पूजन के बाद वैशाख महात्म्य कथा का परायण किया जाता है।
पंचांग के अनुसार वैशाख शुक्ल एकादशी तिथि 18 मई को सुबह 11.22 पर शुरू होकर 19 मई को दोपहर 01.50 तक रहेगी. शास्त्रों में एकादशी व्रत सूर्योदय से मान्य होता है, इसलिए मोहिनी एकादशी 19 मई रविवार को हैहिन्दू धर्म में मोहिनी एकादशी बहुत ही पावन और फलदायी तिथि मानी जाती है। सनातन धर्म में एकादशी का व्रत बहुत ही खास माना जाता है. हर महीने की कृष्ण और शुक्ल पक्ष की तिथि को एकादशी का व्रत रखा जाता है. सभी एकादशी के व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होते हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मोहिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है।

