रायपुर व चांदपुर खदान पर रेत का गोरखधंधा
ग्वालियर। चंबल अंचल की सरजमीन पर रेत का अवैध कारोबार खूब फलफूल रहा है। यह सब माइनिंग विभाग के संरक्षण में चल रहा है। ताजा मामला रायपुर व चांदपुर खदानों का जहां खुलेआम रेत के कारोबार का गोरखधंध सामने आया है। बताया जाता है डबरा से 7 किलोमीटर दूर स्थित सिंध नदी के रायपुर व चांदपुर घाट की खदानों से 30-40 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत माफिया चोरी कर तंग गलियों से सप्लाई कर रहे है। रेत के चोरी होने से माइनिंग विभाग को काफी राजस्व क्षति पहुंच रही है। माफिया रेज को बंदूकों के साये में चुराकर खपा देते है और…
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ग्वालियर। चंबल अंचल की सरजमीन पर रेत का अवैध कारोबार खूब फलफूल रहा है। यह सब माइनिंग विभाग के संरक्षण में चल रहा है। ताजा मामला रायपुर व चांदपुर खदानों का जहां खुलेआम रेत के कारोबार का गोरखधंध सामने आया है।
बताया जाता है डबरा से 7 किलोमीटर दूर स्थित सिंध नदी के रायपुर व चांदपुर घाट की खदानों से 30-40 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत माफिया चोरी कर तंग गलियों से सप्लाई कर रहे है। रेत के चोरी होने से माइनिंग विभाग को काफी राजस्व क्षति पहुंच रही है। माफिया रेज को बंदूकों के साये में चुराकर खपा देते है और माइनिंग विभाग की चुप्पी इस अवैध कारोबार को खुलेतौर पर संरक्षण प्रदान कर रही है। कुछ लोगों का कहना है कि यह सब विभाग और माफियाओं की मिलीभगत है, जिससे जहां राजस्व की होनी हो रही है। वहीं प्रकृति के सौंदर्य के साथ खिलवाड भी हो रहा है। रेत के अवैध कारोबार के कारण नदी सुकड रही है और लाखों जीव जंतु भी मौत के काल में समाये जा रहे है। जबकि अचंभे की बात है कि इन खदानों से रेत निकालने की स्वीकृति आज तक किसी भी ठेकेदार को नहीं मिली है। फिर भी बड़े पैमाने पर यह गोरखधंधा यह फलफूल रहा है और इसके संरक्षणकर्ता माइनिंग विभाग के अफसर मलाई खाने में व्यस्त है।
रायपुर व चांदपुर खदान पर रेत का गोरखधंधा
ग्वालियर। चंबल अंचल की सरजमीन पर रेत का अवैध कारोबार खूब फलफूल रहा है। यह सब माइनिंग विभाग के संरक्षण में चल रहा है। ताजा मामला रायपुर व चांदपुर खदानों का जहां खुलेआम रेत के कारोबार का गोरखधंध सामने आया है। बताया जाता है डबरा से 7 किलोमीटर दूर स्थित सिंध नदी के रायपुर व चांदपुर घाट की खदानों से 30-40 ट्रैक्टर ट्रॉली रेत माफिया चोरी कर तंग गलियों से सप्लाई कर रहे है। रेत के चोरी होने से माइनिंग विभाग को काफी राजस्व क्षति पहुंच रही है। माफिया रेज को बंदूकों के साये में चुराकर खपा देते है और…
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