निजीकरण की दिशा में रेलवे का एक और कदम, ग्वालियर में निजी हाथों में जाएगी पूछताछ सेवा


ग्वालियर। ट्रेन कितनी विलंबित है, किस रूट पर कौन सी ट्रेन जाएगी, ट्रेन किस प्लेटफार्म पर आएगी, जैसी जानकारियां अब रेलकर्मी नहीं बल्कि निजी कंपनियों के कर्मचारी बताएंगे। रेलवे स्टेशन पर बने पूछताछ केंद्र पर रेलकर्मियों की जगह अब निजी कर्मचारी यात्रियों के सवालों का जवाब देंगे। यह सुविधा रेलवे स्टेशन पर 24 घंटे मिलेगी। पूछताछ केंद्रों पर तैनात कर्मचारियों का विशेष ड्रेस कोड भी होगा, जो मेट्रो स्टेशनों की तर्ज पर रखा जाएगा। निजीकरण की दिशा में यह रेलवे का एक और कदम माना जा रहा है।
उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के 18 रेलवे स्टेशनों के पूछताछ केंद्र निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। चरणबद्ध तरीके से अन्य स्टेशन भी इसमें जोड़े जाएंगे। कुल 23 पूछताछ केंद्र बनेंगे। यह 1095 दिन यानी तीन वर्ष के लिए निजी कंपनी इनका संचालन करेगी। इसमें अनुभवी व वित्तीय क्षमतावान ठेकेदारों को ही मौका मिलेगा। उत्तर मध्य रेलवे के झांसी मंडल के 18 रेलवे स्टेशनों के पूछताछ केंद्र निजी हाथों में देने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इसके टेंडर प्रक्रिया चल रही है। चरणबद्ध तरीके से अन्य स्टेशन भी इसमें जोड़े जाएंगे। कुल 23 पूछताछ केंद्र बनेंगे। यह 1095 दिन यानी तीन वर्ष के लिए निजी कंपनी इनका संचालन करेगी। इसमें अनुभवी व वित्तीय क्षमतावान ठेकेदारों को ही मौका मिलेगा। यहां बता दे कि रेलवे बोर्ड ने बीते साल सभी जोन को निर्देश जारी किए थे कि रेलवे में होने वाले खर्चों में कटौती की जाए। इसके बाद बीएसएनएल के लैंडलाइन फोन, इंटरनेट केबल, सफाई कर्मियों के पद सहित कई खर्च में कटौती की गई। इसके बाद छोटे स्टेशनों से सामान्य टिकट बांटने वाले कर्मियों को भी हटाया गया। इन स्टेशनों को कमीशन एजेंटों को दिया जा रहा है। अब झांसी मंडल ने अपने 18 महत्वपूर्ण स्टेशनों की 24 यात्री पूछताछ खिडक़ी पर प्राइवेट व्यक्ति को बैठाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।