धोखाधड़ी केस में फंसे मुकेश अग्रवाल से वैश्य बंधुओं का मोहभंग, दूरी बनाई, उपाध्यक्षी भी छीन सकती है?

नवीनतम अपडेट्स के लिए bhaskarplus.com से जुड़े रहें!

ग्वालियर। खुद को वैश्यों का नेता समझने वाले आटोमोबाइल कारोबारी मुकेश अग्रवाल के द्वारा की गई धोखाधड़ी का मामला सामने आने के बाद अब वैश्य नेताओं का उनसे मोह भंग हो गया है। उनकी वैश्य सम्मेलन के उपाध्यक्ष की कुर्सी भी जा सकती है, क्योंकि वैश्य समाज का खुद को वह ठेकेदार समझ रहे थे। अब करोड़ों की धोखाधड़ी करके उनका समाज के सामने एक अलग ही चेहरा सामने आ गया है जिससे उनकी छवि वैष्य बंधुओं में धूमिल हो गई है।

नवीनतम अपडेट्स के लिए bhaskarplus.com से जुड़े रहें!

यहां बता दें कि शहर के रजिस्ट्रार ऑफिस के पास की बेशकीमती जमीन को एक नहीं बल्कि तीन-तीन बार बेच दिया गया। खास बात यह भी रही की एक व्यक्ति ने पहले पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से जमीन बेची। फिर खुद ही इस जमीन का सौदा कर दिया। धोखाधड़ी का शिकार हुए बालाजी डेवलपर्स के गजेंद्र पांडे ने केस दर्ज कराने की मांग करते हुए मजिस्ट्रेट कोर्ट में आवेदन दिया था, जिसे बीती 16 दिसंबर 2024 को निरस्त कर दिया गया। जब इस आदेश के खिलाफ एडीजे कोर्ट में रिवीजन आवेदन पेश किया गया तो सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने विश्वविद्यालय थाना पुलिस को ऑटोमोबाइल कारोबारी मुकेश अग्रवाल, उनके भाई गिर्राज अग्रवाल और कांग्रेस नेता के भाई दलबीर सिंह कंसाना के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। साथ ही जांच प्रतिवेदन जल्द कोर्ट में पेश करने की बात कही है। इस मामले के रहस्योदघाटन के बाद मुकेश अग्रवाल की छवि धूमिल हो गई है। वैश्य बंधु उनसे दूरी बनाने लगे है। वैश्य सम्मेलन की उपाध्यक्ष की कुर्सी भी उनकी जा सकती है।

मध्य प्रदेश नवीनतम अपडेट्स के लिए bhaskarplus.com से जुड़े रहें! यहां पढ़ें MP News और पाएं MP Breaking News in Hindi हर पल की जानकारी । मध्य प्रदेश की हर ख़बर सबसे पहले आपके पास, क्योंकि हम रखते हैं आपको हर पल के लिए तैयार। जुड़े रहें हमारे साथ और बने रहें अपडेटेड!