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ग्वालियर। भिंड से इटावा तक की दूरी तक सफर करना काफी रिस्की साबित हो रहा है, क्योंकि उक्त नेशनल हाईवे क्रमांक 719 हादसे का हाईवे बन चुका है। बीते एक साल में ही यहां करीब 683 हादसे हो चुके हैं, जिसमें 250 लोगों की जानें भी जा चुकीं हैं। जबकि सैकड़ों लोग घायल होकर अपने शरीर से बेकार हो चुके हैं। उक्त हाईवे पर हादसे का कारण टूलेन हाईवे में डिवाइडर नहीं होना है। पहले उक्त हाईवे को फोरलेन बनाने की मांग की जा रही थी, लेकिन अब सिक्स लेन बनाने की मांग उठने लगी है। इसको लेकर संत समाज ने भी मोर्चा संभाल लिया है और आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
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नेशनल हाईवे 719 पर आए दिन होते हादसे अब भिंडवासियों के सब्र का बांध तोड़ चुके हैं। हर साल सैकड़ों लोग असमय काल का ग्रास बन रहे हैं। एक साल में ही 250 से अधिक मौतों ने इस हाईवे को मौत का ट्रैक बना दिया है। इसी को ध्यान में रख संत समाज ने कमर कस ली है और 10 अप्रैल से अखंड आंदोलन का बिगुल फूंकने की तैयारी शुरू कर दी है। संत समाज हाईवे को सिक्स लेन हाईवे बनाने की मांग को लेकर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात कर चुका हैं और उनको यह बता दिया है कि इस हाईवे पर होने वाले हादसों के कारण कई घरों के चिराग बुझ चुके हैं, जिसके कारण अब हाईवे को एक्सीडेंट फ्री बनाने के लिए कम से कम फोरलेन हाईवे तो बनना ही चाहिए। फिलहाल ग्वालियर से भिंड तक का सफर करने के लिए जो सड़क बनी है वह दो लाइन की तो कह सकते हैं, लेकिन बीच में डिवाइडर न होने से हादसे आए दिन होते रहते हैं ।
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ग्वालियर से इटावा तक की दूरी करीब 108 किमी है। इस रोड पर ट्रैफिक लोड काफी रहता है, जिसके कारण डेढ़ घंटे के सफर में करीब ढाई घंटे का समय लगता है। मौजूद टू-लेन हाईवे तो कहा जाता है, लेकिन हकीकत उससे अलग है। उक्त रोड को फोरलेन बनाने का प्रयास किया जा रहा है जिसको लेकर पिछले साल प्रस्ताव बनाया गया था जिसमें उल्लेख किया गया था कि उक्त हाईवे को फोरलेन बनाने में करीब 2700 करोड़ की लागत आएगी। इस हाईवे पर प्रतिदिन करीब 18 हजार वाहनों का लोड रहता है जिसके चलते हादसे होना आम हो गया है। इसका कारण यह भी है कि हाईवे किनारे ही बस्ती बस चुकी है और लोगों ने होटल से लेकर अपने घर भी बना लिए हैं, जिसके कारण उक्त हाईवे पर कई क्षेत्र पूरी तरह से ब्लैक स्पॉट बन गए हैं। उक्त ब्लॉक स्पॉट को दूर करने के लिए अभी तक कोई प्रयास नहीं किए गए हैं। दो लेन का भले ही हाईवे बताया जा रहा है, लेकिन बीच में डिवाइडर न होने से सिंगल रोड ही मानी जाती है, ऐसे में वाहनों का लोड अधिक होने से जाम भी लगता रहता है जिससे डेढ़ घंटे का सफर पूरा ढाई घंटे में हो रहा है।
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हाईवे की लंबाई 108 किलोमीटर है जो कि टू लेन है। यह पुरानी छावनी से इटावा तक प्रस्तावित है। इसे गोले का मंदिर – एयरपोर्ट रोड, मेहगांव, भिंड की कुछ ही जगहों पर फोरलेन रखा गया है। इसे पूरा फोरलेन बनाने में 2700 करोड़ खर्च होंगे। दरअसल, इंडस्ट्रियल एरिया मालनपुर में गैस पाइप लाइन और पूरे रूट में बिजली-पानी सहित कई चीजों में भारी मुआवजा देना होगा, जिस वजह से समय के साथ अधिक खर्च भी आएगा। दिल्ली की एक फर्म पुरानी छावनी से लेकर इटावा तक के रूट की सर्वे रिपोर्ट बना रही है, जो इसी साल प्रस्तुत की जानी है। ग्वालियर-भिंड हाईवे पर होने वाले हादसों से चिंतित जनप्रतिनिधियों ने भी इसको फोर लेन बनाने की मांग को लेकर विधानसभा से लेकर संसद तक में अपनी आवाज उठाई, लेकिन फिलहाल कोई आश्वासन नहीं मिला है।
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