एक्सप्रेस-वे और एलिवेटिड रोड निर्माण में 924 पेड़ों की बली चढ़ेगी

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ग्वालियर | शहर में एक्सप्रेस-वे और एलिवेटिड रोड निर्माण में 924 पेड़ों की बली चढ़ने जा रही है। इसमें अकेले एक्सप्रेस-वे के निर्माण में 4 हजार में से 650 तो एलिवेटेड रोड के दूसरे चरण के निर्माण में 274 पेड़ काटे जाएंगे। इनके काटे जाने की संबंधित एजेंसियों ने अनुमति भी दे दी है। वहीं एक्सप्रेस-वे के लिए सुप्रीम कोर्ट की अनुमति का इंतजार है। बड़ी संख्या में कट रहे पेड़ों को लेकर विभागों का दावा है कि 10 गुना पेड़ लगाए जाएंगे। हालांकि इन सब के हरियाली को बड़ा नुकसान पहुंचने वाला है। दरअसल इन पेड़ों को बनने में सालों लगे हैं।

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ग्वालियर से आगरा तक प्रस्तावित 88.400 किमी लंबे ग्वालियर-आगरा सिक्स लेन ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे का काम जीआर इंफ्रा कंपनी को दिया गया है। इसमें आठ बड़े पुल बनाए जाएंगे और 23 छोटे-छोटे पुल तैयार किए जाएंगे। इसके साथ ही छह फ्लाइओवर और एक रेल ओवरब्रिज भी बनाया जाएगा। 30 माह में पूरा होने वाले निर्माण संभवत: अक्टूबर-सितंबर से शुरू होगा। प्रस्तावित सिक्स लेन ग्रीनफिल्ड एक्सप्रेस-वे ग्वालियर से आगरा के बीच करीब 4263 करोड़ की लागत से 88.400 किमी लंबा बनेगा। यह मुरैना शनिचारा रोड़, अंबाह, ग्वालियर और उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में आने वाले ताज समलंब क्षेत्र (ताज ट्रेपेजियम जोन-टीटीजेड) से होकर निकलेगा। इसमें 4000 पेड़ कटने के बदले करीब सवा लाख पौधे लगाए जाएंगे। अभी 650 पेड़ों को काटा जाएगा। इसमें मुरैना-ग्वालियर में संभावित 109 पेड़ कटेंगे। 926.21 करोड़ के एलिवेटेड रोड के दूसरे चरण में पुलिस चौकी से फूलबाग तक करीब 350 पेड़ काटे जाने हैं, इसमें से अभी 76 पेड़ों को काटा जा चुका है। बाकी 274 के लिए आवेदन किए जा रहे हैं। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के लिए मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के 100 से अधिक गांवों में भूमि अधिग्रहण हुआ है। इसमें मध्यप्रदेश के मुरैना व ग्वालियर का सुसेरा गांव की भूमि, राजस्थान के धौलपुर और उत्तरप्रदेश के आगरा की भूमि शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग हो चुका है और अगले महीने से किसानों को पैसे देने का काम शुरू होगा।

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एक्सप्रसे-वे में पेड़ों को काटने के लिए सुप्रीम कोर्ट से अनुमति का इंतजार है। दरअसल यह प्रोजेक्ट ताज ट्रेपेजियम जोन (टीटीजेड) से गुजर रहा है। यह जोन ताजमहल के चारों ओर बनाया गया एक क्षेत्र है। यह उत्तर प्रदेश के आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, हाथरस और एटा जिलों के साथ-साथ राजस्थान के भरतपुर जिले तक फैला है। इस जोन को बनाने का उद्देश्य ताजमहल को वायु प्रदूषण से बचाना है। इसी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पेड़ों की कटाई रोकने, गणना व निगरानी रखने का आदेश दिए है। एक्सप्रेस-वे निर्माण में 183 पेड़ों को बचाया जाएगा और 109 पेड़ को आगरा के पास ही शिफ्ट करेंगे।। इसमें सर्वाधिक पेड़ 525 नीम के, भारतीय एल्म के 87 व बबूल के 65 पेड़ के साथ ही आम, अमरूद, गूलर, जामुन, कचनार, कदम, करोंदा, अमलतास, अशोक, बरगद, बेल, बेर, चितवन, कटहल, कीनू, नींबू आदि के भी पेड़ हैं।

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