
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में स्वामी विवेकानन्द युवा शक्ति मिशन शुरू करने की सैद्धांतिक मंजूरी दी गई। यह मिशन प्रदेश के युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए तैयार किया गया है, जो उनकी सामाजिक और आर्थिक उन्नति में मदद करेगा। मिशन का शुभारंभ 12 यानी युवा दिवस पर होगा।
कैबिनेट के निर्णय की जानकारी देते हुए मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि मिशन का मकसद युवाओं में आत्मविश्वास बढ़ाना, उन्हें प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना और उनकी उत्पादकता बढ़ाना है। इसके लिए तीन मुख्य बिंदु तय किए गए हैं। हर युवा की आय न्यूनतम कुशल श्रेणी के श्रमिक की आय के बराबर हो। हर युवा कक्षा 12वीं तक की पढ़ाई पूरी करे। 10वीं तक यह लक्ष्य 2028 और 12वीं तक 2030 तक हासिल होगा। हर युवा को समाजहित में किसी न किसी पहल का हिस्सा बनाना है। उन्होंने बताया कि मिशन के तहत संवाद, सामर्थ्य (योग्यता) और समृद्धि जैसे विषयों पर काम किया जाएगा। 2030 तक 70 प्रतिशत युवाओं को इन लक्ष्यों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है।
दुग्ध उत्पादकों की आय बढ़ाने का फैसला
इसके अलावा कैबिनेट ने प्रदेश में दुग्ध उत्पादकों की आय दोगुनी करने के लिए सहकार्यता अनुबंध को मंजूरी दी। यह अनुबंध राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) और एम.पी. स्टेट को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लिमिटेड के बीच किया जाएगा। इससे निम्न उद्देश्य को प्राप्त करने काम होगा।
ग्राम पंचायतों में कलेक्शन सेंटर- दूध खरीद और सही कीमत सुनिश्चित करने के लिए हर ग्राम पंचायत में कलेक्शन सेंटर खोले जाएंगे।
प्रसंस्करण क्षमता में वृद्धि- दुग्ध संघों की प्रोसेसिंग क्षमता बढ़ाई जाएगी।
निवेश- अगले पांच वर्षों में लगभग 1500 करोड़ रुपये का निवेश होगा।
दुग्ध समितियां- दुग्ध समितियों की संख्या 6000 से बढ़ाकर 9000 की जाएगी।
दूध संकलन- प्रतिदिन 10.50 लाख किलोग्राम से बढ़ाकर 20 लाख किलोग्राम दूध संकलन का लक्ष्य रखा गया है।
सांची ब्रांड को राष्टीय स्तर पर पहचान दिलाई जाएगी
सांची ब्रांड को राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दिलाने के लिए इसका प्रचार-प्रसार किया जाएगा। दुग्ध उत्पादकों की वार्षिक आय 1700 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 3500 करोड़ रुपये करने का लक्ष्य रखा गया है।

