
आजकल चेम्बर से नगर निगम आयुक्त की दूरी चर्चा बन गई है। बीते दिनों चेम्बर के पदाधिकारियों का निगमायुक्त दफ्तर में धरना प्रदर्शन करने के बाद यह बदलाव देखने को मिला है। अब निगम आयुक्त ने कैट पर हाथ धर दिया है और उनके कार्यक्रम में शिरकत भी करके चेम्बर को संदेश दे दिया है। जबकि चेम्बर ने भी उसी दिन निगम आयुक्त को एक कार्यक्रम में चेम्बर में आमंत्रित किया था। लेकिन निगमायुक्त ने चेम्बर की परवाह न कर कैट के कार्यक्रम में जाना ज्यादा उचित समझा। जबकि चेम्बर के मुखिया केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और प्रदेश के उर्जा मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर के बेहद करीबी है। निगम आयुक्त को चेम्बर से पंगा लेना भारी भी पड़ सकता है। क्योंकि चेम्बर व्यापारियों के हित के लिये संघर्ष करता है और निगमायुक्त उसी की अनदेखी कर कैट का सहारा ले रहे है। जबकि चेम्बर और कैट के बीच प्रतिस्पर्धा तो जगजाहिर है। लेकिन निगमायुक्त की चेम्बर से दूरी बनाना उचित नहीं है। निगम आयुक्त के लिये व्यापारियों के हितों का ध्यान रखना भी आवश्यक है। देखना अब यह है कि चेम्बर की नाराजगी क्या निगमायुक्त तो नहीं बदलवा देगी। भोपाल के गलियारों में नये निगमायुक्त के नाम पर भी मंथन चल रहा है। खबर तो यह भी है कि श्रीमंत का कोई करीबी निगम की बागडोर सम्हाल सकता है।

