
ग्वालियर। जीवाजी विश्वविद्यालय में राज्यपाल कोटे के ईसी मेंबरों ने विवि में व्याप्त अराजकता और वित्तीय अनियमितताओं को लेकर मोर्चा खोल दिया है। मेंबरों का कहना है कि विवि के अधिकारी इस हद तक गिर गए हैं कि वे कमीशन की खातिर बाहर कॉपियां कराने कराने भेज रहे हैं। जिन कॉपियों का मूल्यांकन विवि स्तर से ही कम पैसे में और जल्दी हो सकता है, उन कॉपियों को ऐसे लोगों के पास बाहर भेज रहे, जहां से प्रति कॉपी तीन से पांच रुपए तक कमीशन मिल रहा है। इसकी शिकायतें लगातार मिल रही है। इसको लेकर विवि के मूल्यांकन ही सवाल उठ रहे हैं। ईसी मेंबरों ने इस मामले को लेकर कुलगुरू को पत्र लिखा है। इसके जरिए जानकारी मांगी है कि एक साल के अंदर जेयू की परीक्षाओं की कॉपियां कहां-कहां भेजी गईं और इनके मूल्यांकन पर कितना व्यय हुआ, इसकी पूरी जानकारी उपलब्ध कराई जाए। ईसी मेंबरों द्वारा यह जानकारी मांगने के बाद उन अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है, जो अपने हितों के लिए कॉपियों को बाहर चेक कराने भेज रहे। स्थानीय स्तर पर मूल्यांकन नहीं कराए जाने को लेकर अतिथि विद्वान संघ भी नाराज है। ईसी मेंबरों ने पत्र के जरिए कुलगुरू से यह भी जानकारी मांगी है कि विवि में अधिकारियों को आवास आवंटन के नियम क्या हैं? किस अधिकारी को कौन सा आवास दिया है। वह उसके पात्र है या नहीं। विवि की जिस कार्यपरिषद में बजट पास होता है, उसमें सदस्यों को किस नियम से उपहार दिए जाते हैं। पिछली मार्च में किस मद से 3.90 लाख रुपए उपहार देने की राशि खर्च की गई।
जीवाजी विश्वविद्यालय में कमीशन पर चेक हो रही कॉपियां?

