– बस मालिकों को रहती है सवारी से ज्यादा माल की चिंता

ग्वालियर। लंबी दूरी की बसों में सवारी से ज्यादा लगेज जा रहा है। इन बसों में लगेज ले जाने पर परिवहन विभाग ने प्रतिबंध लगाया है पर इसके बाद भी वीडियोकोच बसों में यात्रियों से कहीं अधिक लगेज की मात्रा रहती है। लगेज को बसों से ले जाने के पीछे कई कारण हैं। इससे जहां व्यापारियों को टैक्स की बचत हो रही है, वहीं बस मालिक को अच्छा खासा पैसा मिलता है।
परिवहन विभाग ने वीडियोकोच बसों पर लगेज ले जाने को लेकर पूर्ण प्रतिबंध किया हुआ है। इसके बाद भी बस मालिक सेटिंग कर माल ले जाने में लगे हैं। लंबी दूरी पर चलने वाली किसी भी बस पर अगर नजर डाली जाए तो उसके ऊपर सामान इतना अधिक लोड रहता है कि इससे उस बस में यात्रा करने वालों को हमेशा दुर्घटना का खतरा बना रहता है। वैसे इस तरह की घटना हो चुकी है, जिसमें बस के ऊपर इतना अधिक सामान रखा था कि वह बिजली के तारों से टकरा गया, जिस कारण पूरी बस जल गई थी और उसमें कई यात्रियों की जान गई थी। इसके बाद भी वीडियोकोच बसों में माल की लोडिंग पर किसी प्रकार की रोक नहीं लगी है। ग्वालियर से इंदौर, भोपाल, अहमदाबाद, दिल्ली, अजमेर, जयपुर सहित कई बड़े शहरों के लिए लगभग चार दर्जन से अधिक बसें प्रतिदिन संचालित होती हैं।
वीडियोकोच बसों में माल भेजने के एवज में ट्रैवल्स वाले व्यापारी को संबंधित शहर में सुरक्षित माल पहुंचाने की गारंटी देते हैं, लेकिन इसकी एवज में व्यापारी को भाड़ा अधिक देना होता है। कमाई के चक्कर में बस मालिक रास्ते में पड़ने वाले आरटीओ चेक पॉइंट के साथ ही पुलिस थानों पर भी पूरी सेटिंग रखते हैं जिस कारण उनका काम धड़ल्ले से बिना रोक-टोक के वर्षों से चला आ रहा है। वहीं वीडियोकोच बसों में व्यापारी वैट टैक्स बचाने के लिए अपना सामान तो भेजते ही हैं, साथ ही कुछ लोग प्रतिबंधित सामान भी इन्हीं बसों में भेजते रहे हैं। गुजरात में शराब पर प्रतिबंध होने से अंचल से अहमदाबाद जाने वाली बसों में शराब भेजने की संभावना अधिक रहती है। कई बार अवैध शराब बसों से पकड़ी भी जा चुकी है। वीडियोकोच बसों में जो माल जाता है, उससे सरकार को राजस्व का नुकसान भी हो रहा है। क्योंकि जो व्यापारी बसों में माल भेजता है वह वैट टैक्स अदा नहीं करता।

