देवउठनी एकादशी के बाद से गूंजने लगेगी शहनाई, जानिए नवंबर-दिसंबर में शादी विवाह के शुभ मुहूर्त

विवाह के शुभ मुहूर्त पर लगी रोक एक सप्ताह बाद हट जाएगी. देवउठनी एकादशी (Devuthni Ekadashi) या देवउठनी ग्यारस (Devuthni Gyaras) के बाद से शहनाई गूंजने लगेगी. पंडित बताते हैं कि देवउठनी ग्यारस का पर्व 12 नवंबर को है. नवंबर-दिसंबर माह में विवाह के अच्छे मुहूर्त हैं. उन्होंने बताया कि एक माह की रोक के बाद फिर मुहूर्त शुरू होंगे.

देवउठनी ग्यारस पर भगवान शालिग्राम और तुलसी का विवाह कराने की परंपरा है. इसके बाद से विवाह सहित अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है. गुरु तारा पूर्व दिशा में उदित एवं शुक्र तारा पश्चिम दिशा में उदित रहेंगे. नवंबर और दिसंबर महीने में शादी विवाह के अच्छे मुहूर्त है. एक महीने की रोक बाद 16 जनवरी से फिर विवाह के शुभ मुहूर्त की शुरुआत होगी.

शादी विवाह की जान लें शुभ तिथि

नवंबर में 16, 17, 18, 22 से 26 नवंबर तक विवाह और अन्य मांगलिक कार्य होंगे.
दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14 और 15 विवाह तक शुभ मुहूर्त है.
जनवरी में 16 से 22, 24, 26, 27 तक शादी विवाह का मुहूर्त रहने वाला है.
फरवरी में 2, 3, 7, 8, 12, 16, 19, 21, 22, 23 और 25 फरवरी तक मुहूर्त रहेगा.
मार्च महीने में केवल शादी विवाद का मात्र 1, 2 और 6 तारीख को मुहूर्त रहेगा.

बारिश थमने के साथ बाजार में ग्राहकी का उठाव भी शुरू हो गया है. धनतेरस औ दीपावली के अवसर पर बाजार में अच्छा खास उठाव रहा. देवउठनी ग्यारस के बाद विवाह कार्य शुरू होने के साथ बाजार में फिर से ग्राहकी का एक बार उठाव आएगा. बता दें कि बारिश के चार महीने तक ग्राहकी मंदी रहती है. गौरतलब है कि हिंदू धर्म में शुभ मुहूर्त का विशेष महत्व है. किसी भी मांगलिक या शुभ कार्य को शुरू करने से पहले मुहूर्त देखने की परंपरा है. देवउठनी एकादशी के बाद मुंडन, विवाह, गृह प्रवेश आदि जैसे मांगलिक कार्य की शुरुआत हो जाती है.