स्मार्ट चिप कंपनी के 22 साल पुराने सेटअप को रीसेट करना परिवहन विभाग के लिए चुनौती


ग्वालियर। प्रदेश में परिवहन विभाग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन कार्ड तैयार करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी के सेटअप को रीसेट करना मुश्किल हो रहा है। यह परिवहन विभाग के लिए चुनौती जैसा बन गया है। 22 साल से स्मार्ट चिप कंपनी परिवहन विभाग के लिए काम कर रही है, जिसे फ्रांस की कंपनी ने टेकओवर कर लिया है।
अब पूरे प्रदेश में स्मार्ट चिप बनाने के सेटअप से लेकर स्टाफ का क्या होगा, यह सबसे बड़ा संकट है। परिवहन विभाग यह काम तत्काल टेकओवर नहीं कर सकता है क्योंकि इस काम का पूरा अनुभव स्मार्ट चिप कंपनी के पास है। इसी को लेकर भोपाल में वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मंथन किया जा रहा है। सितंबर माह तक कंपनी और काम कर पाएगी, इसके बाद नया सिस्टम बनेगा। नई कंपनियों से बात चल रही है। इस विवाद में आवेदक सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं। बता दें 2002 से नोएडा की स्मार्ट चिप कंपनी मध्य प्रदेश के परिवहन विभाग के लिए काम कर रही है। कंपनी के भुगतान को लेकर विवाद है। यही नहीं कंपनी का बढ़ा हुआ कार्यकाल भी इस माह के अंत तक खत्म हो जाएगा। इससे पहले जून 2024 में कंपनी को एक्सटेंशन दिया गया था।
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार वाहन रजिस्ट्रेशन-डीएल कार्ड का काम जनता से सीधा जुड़ा काम है, दूसरे सेटअप को इतनी जल्द नहीं लाया जा सकता है। वहीं स्मार्ट चिप कंपनी के स्टाफ पर भी यह संकट है कि वे करार खत्म होने के बाद कहां जाएंगे, ऐसे में उनके अनुभव कौशल को आगे काम में लिया जा सकता है।