
(पंकज कुमार)
ग्वालियर। ग्वालियर में अब स्ट्रीट लाइट की सुविधा 24 घंटे उपलब्ध है। जबकि दिन में स्ट्रीट लाइट की जरूरत ही नहीं है। परंतु निगम ने अपना आर्थिक बोझ बढ़ाने के लिये स्ट्रीट लाइटों को 24 घंटों के लिये खुला छोड़ दिया है। जबकि सुबह होने पर स्ट्रीट लाइटें शटडाउन हो जानी चाहिये। भास्कर प्लस की टीम ने शहर में घूमकर तमाम इलाके देखें, जहां दिन में भी स्ट्रीट लाइटें जलती मिली। लेकिन निगम और बिजली कंपनी को इसकी कतई चिंता नहीं है। जबकि बिजली कंपनी स्ट्रीट लाइटों की चिंता ना कर जनता को मार रही है। स्ट्रीट लाइटें तो दिनभर जल रही है। लेकिन 6 से 8 घंटे कटौती कर आमजनता को बिजली कंपनी द्वारा परेशान किया जा रहा है। इससे जनता जहां इस उमसभरी गर्मी में पसीना पसीना हो रही है। वहीं व्यापार धंधा भी प्रभावित हो रहा है।
नगर निगम और बिजली विभाग की कहानी ही निराली है। ना बिजली विभाग का मेंटनेंस कार्य कभी खत्म होता है और ना ही नगर निगम का नींद में सोना। दोनों की काली कालगुजारियों के कारण आमजन को पिसना पड़ता है। दिन में भी स्ट्रीट लाईटें रोशन रहती है। बताईये दिन में स्ट्रीट लाईट जलाने की क्या जरूरत है? परंतु दोनों विभागों की अनदेखी से ही यह सब हो रहा है। सबको पता है स्ट्रीट लाईट की जरूरत रात को सड़क रोशन के लिये होती है। लगता है नगर निगम को इस बात की जानकारी नहीं है। तभी तो बेमतलब दिन में स्ट्रीट लाईटों को जलाया जा रहा है। जबकि दिन में सूर्यदेवता रोशन रहते है। फिर भी बिजली की खपत को हानि पहुंचाई जा रही है। साथ ही निगम के राजस्व को भी इससे नुकसान हो रहा है। दिन में स्ट्रीट लाईट जलाने का कोई औचित्य ही नहीं है। फिर भी आधे शहर की स्ट्रीट लाईटें दिन में भी जलती देखी जा सकती है। नगर निगम का बिजली विभाग और मध्यप्रदेश विघुत वितरण कंपनी का भी इस पर कोई ध्यान नहीं है। इससे बिजली की बेमतलब ही खपत हो रही है। जबकि शहर में 6 से 8 घंटे की कटौती की जा रही है। बिजली कटौती का असर व्यापार पर भी पड़ रहा है। परंतु दिन में स्ट्रीट लाइटें धड़ल्ले से जल रही है। वहीं आमजन घंटों की विघुत कटौती की मार झेल रहे है। मजेदार बात यह है कि ऐसी क्या वजह है जो दिन में भी स्ट्रीट लाइटें जल रही है। भास्कर प्लस की टीम को निरीक्षण में दाल बाजार, इंदरगंज, फूलबाग, माधौगंज चैराहा, कंपू आदि क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइटें दिन में जलती पाई गई। नये निगमायुक्त महोदया क्या इस पर ध्यान देकर कोई एक्शन लेंगे?
आमजन पर घंटों बिजली कटौती की मार; लेकिन दिनभर रोशन रहती है स्ट्रीट लाइटें, इससे निगम को राजस्व का नुकसान

