
ग्वालियर। मानसून के आगमन की अधिकृत घोषणा हो चुकी है और कुछ ही घंटों की वर्षा में शहर में जलजमाव से बुरे हालात हो गए। इसके पीछे एक तरफ जहां नालों की सफाई समय से न होना बताया जा रहा है, तो इसका एक दूसरा बड़ा कारण है शहर की टूटी हुई सड़कें। वर्षा का सीजन शुरू होने से पहले जब सड़कों पर पैच रिपेयरिंग कराई जानी थी, उस समय आचार संहिता लागू होने के कारण गड्ढे भरे नहीं गए।
अब यह गड्ढे आगामी अक्टूबर माह तक वाहन चालकों और राहगीरों के दर्द का कारण बनते रहेंगे। इसका कारण है कि इंडियन रोड कांग्रेस के नियम के मुताबिक मानसून का सीजन बीतने पर अक्टूबर माह से ही सड़कों का निर्माण शुरू हो सकेगा। दरअसल, नालों की सफाई न होने से आसपास के इलाकों में पानी भरता है, लेकिन यदि सड़कों पर गड्ढों हो तो पूरे शहर के लोगों को तकलीफ देते हैं। इसका कारण यह है कि प्रमुख इलाकों में पूरे शहर के लोगों का आना-जाना किसी न किसी काम से होता ही है। बरसात होने पर गड्ढों में पानी भरता है और जैसे-जैसे वाहनों का आवागमन होता है, वैसे-वैसे गड्ढों का आकार भी बढ़ता चला जाता है। कैलाश विहार, तुलसी विहार, आयकर कार्यालय, एयरटेल आफिस के पास कुछ ऐसी सड़कें हैं जहां दिनभर पानी भरा रहा। अवाड़पुरा और गुढ़ा-गुढ़ी के पास नालों की सफाई न होने के कारण चंबल आइजी कार्यालय परिसर में पानी भर गया, जिसे फायर ब्रिगेड की मदद से निकाला गया।

