
ग्वालियर। नगर के आस्था का प्रमुख केंद्र अचलेश्वर मंदिर के तलघर का ताला प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में खुल गया। तलघर में से दो किलो सोना, 37 किलो चांदी व 22 क्विंटल पीतल का चढ़ावा व 11 बोरी चिल्लर निकली है। तलघर खुलने के साथ ही कई सवालों ने भी जन्म लिया है। पहला सवाल अहम है कि तलघर में क्या-क्या सामान था? इसका कोई लेखा-जोखा मंदिर के पास नहीं है।
पूर्व पदाधिकारियों का कहना है कि मंदिर की संपत्ति रजिस्टर में नोट होती है। यह रजिस्टर गायब हैं। यह रजिस्टर कहां गए? इस सवाल पर जिम्मेदार अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं। मंदिर के न्यास के खिलाफ कोर्ट में दस्तक देने वाले संतोष सिंह राठौर का कहना है कि जिला प्रशासन को संबंधित थाने में एफआइआर दर्ज कराकर जांच होनी चाहिए। अगर इस मामले में जांच हुई तो तलघर में ताला लगाने वाले अधिकारी भी जांच के घेरे में आ सकते हैं। ताला डालने वाले तलघर में रखे सामान की सूची तैयार करने के साथ मंदिर प्रबंधन से तलघर में रखे सामान का लेखा जोखा क्यों नहीं मांगा गया। फिलहाल तो यही स्थिति है कि जो मिल गया, सो ठीक है। जो गायब वो भगवान अचलनाथ जानें। जनश्रुति के अनुसार दो किलो से अधिक सोना था।
तलघर में निकले सामान को बैंक के लॉकर में रखने के लिए बैंकों से संपर्क किया गया था, लेकिन इतना बड़ा लॉकर नहीं मिला, जिसमें मंदिर का कीमती का सामान रखा जा सके। फिलहाल इस सामान को मंदिर की संचालन समिति में सूचीबद्ध कर मंदिर के तलघर में ही सुरक्षित रख दिया गया है। मंदिर के प्रबंधक वीरेंद्र शर्मा ने स्वीकार किया कि मंदिर की संपत्ति का लेखा-जोखा का रजिस्टर था, जो कि अब तक नहीं मिला है। यह रजिस्टर किसने और कब गायब कर दिया। इसकी जानकारी किसी को नहीं है। इस रजिस्टर को तलाशने का भी कोई प्रयास नहीं किया जा रहा है और नहीं पूर्व के न्यासियों से पूछा गया है।

