
ग्वालियर | ग्वालियर के व्यापारियों को सत्तर करोड़ से भी ज्यादा की चपत लगाने वाला हुंडी दलाल आशीष उर्फ आशू गुप्ता की पुलिस कुंडली खंगालने में जुट गई है। पुलिस ने जांच में इस एंगल को भी शामिल कर लिया है कि आखिर यह हुंडी दलाल किसके इशारे पर नाच रहा है। जब यह जेल में था तो कौन-कौन लोग इससे मिलने पहुंचे थे। जो मिलने पहुंचे थे, उनका क्या इतिहास है। आशु ने ऐसा कदम क्यों उठाया कि गोली उसे लगे भी नहीं और उसका काम भी हो जाए? पुलिस का कहना है कि यह तो तय है कि यह मामला आत्महत्या की कोशिश का भी नहीं है पर जब उसने खुद को ही गोली मारी है तो इस एंगल को भी एक्सप्लोर किया जा रहा है।
आशु तब से व्यापारियों को रुला रहा है, जब से व्यापारियों ने उस पर भरोसा किया। व्यापारी उसकी हुंडियों पर भरोसा करते गए। उसे बाजार में कारोबार के लिए जरूरतमंद लोगों को जरिए आशु पैसा भिजवाते रहे पर व्यापारियों को इस बात की राई रत्ती भनक नहीं लगी कि आशु उनके साथ आगे क्या खेल करने वाला और फिर आशु ने उनके साथ जो किया, उससे दूसरे कारोबारियों की मदद करने वाले व्यापारी खुद ही परेशान हो गए और आशु की तो पहले भी मजे में कट रही थी और जब मामला उलझने लगा तो आशु इन व्यापारियों से ही पल्ला झाडने लगा । ऐसे में आशु के पेट में कितनी लंबी दाड़ी है, यह पता लगा पाना कोई आसान काम नहीं है। अब उसने खुद को गोली मारकर फिर नई चाल चलने की कोशिश की है। पुलिस को एक नई जानकारी यह भी मिली है जिस व्यक्ति ने आशु से मोटी रकम हड़पी है, वही आशु के लिए अब मास्टर माइंड बन गया है। जैसा यह कह रहा है, वैसा ही आशु कर रहा है। हर चाल आशू की इसके ही इशारे पर चली जा रही है, वरना आशु में इतना
जिगरा नहीं है कि वह अपनी जान जोखिम में डाले । जब मास्टर माइंड की पड़ताल की गई तो एक बार फिर उसका नाम सामने आया जो रहने वाला डबरा का रहने वाला है । इसने अपना जाल दुबई तक फैला रखा है। व्यापारियों की आधे से ज्यादा रकम तो यही डकारे बैठा है और कहीं आशु इसका नाम जुबान पर ना ले आए, इसलिए यही व्यक्ति आशु को पट्टी पड़ा रहा है और आशु तोते जैसे पट्टी को पढ़ रहा है। यह व्यक्ति आशु से जेल में सबसे ज्यादा बार जाकर मिला, ऐसा सूत्रों ने कहा।
ऐसे में पुलिस यह भी जानना चाहती है कि आखिर आशु से इसकी क्या दोस्ती थी कि जो बार – बार जेल में आशु से मिलने जा पहुंचा। सूत्रों ने कहा, आशु जब जेल में रहा तब उससे मिलने कौन-कौन जेल पहुंचा, इसका रिकॉर्ड भी खंगाला जाएगा। जो भी इस दायरे में आएंगे, उसने पूछताछ भी की जा सकती है। जानकार तो यह भी कहते हैं कि यदि पुलिस बारीकी से जांच करे तो यह व्यक्ति छत्तीसगढ़ में हुए महादेव सट्टा ऐप में भी सना मिलेगा क्योंकि इसका इतिहास भी इसी कारोबार की चाशनी में पगा हुआ है।
व्यापारियों को सत्तर करोड़ की चपत लगाने वाले हुंडीदलाल आशू की कुंडली खंगाल रही है पुलिस

