एचपीएल कंपनी के दावे झूठे, गली मोहल्ले और सड़कें रात में अंधेरे में


ग्वालियर| शहर को रोशन करने के लिए सड़कों पर लगी 48 हजार स्ट्रीट लाइट में से 45 हजार लाइट का संधारण पिछले आठ माह में किया गया, जबकि पांच हजार लाइट शहर में नई लगाई गई हैं। यह दावा एचपीएल कंपनी के अफसरों का है, लेकिन इसके बाद भी शहर के तमाम गली मोहल्ले और सड़कें रात में अंधेरे में डूब जाती हैं। इस कारण शिकायतों की संख्या बढ़ गई है। कंपनी के अफसरों का खुद मानना है कि वह हर दिन छह से सात सौ स्ट्रीट लाइटों के संधारण का काम कर रहे हैं। इसके बाद भी हर दिन इतनी ही संख्या में शिकायतें मिल रही है।
नगर निगम और स्मार्ट सिटी के हेल्पलाइन नंबर हेल्पलेस हैं। यही कारण है कि लोग इन हेल्प लाइन नंबर से ज्यादा पार्षद, विधायक, महापौर आदि से स्ट्रीट लाइट बदलवाने या सुधरवाने को लेकर शिकायत करना ज्यादा आसान समझते हैं, क्योंकि एचपीएल कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि हर दिन 700 स्ट्रीट लाइट का संधारण किया जाता है। इनमें से महज 40 से 50 शिकायतें ही स्मार्ट सिटी से प्राप्त होती हैं। बाकी की शिकायतें कंपनी के पोर्टल पर, पार्षद, विधायक और महापौर के जरिये प्राप्त होती हैं। शहर के अलग अलग क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट बंद होने से अंधेरे की समस्या बनी हुई हैं। घोसीपुरा, बहोड़ापुर, सिकंदर कंपू के मुख्य मार्ग पर कई स्थानों पर लाइट नहीं जल रही। सिटी सेंटर पर राजमाता चौराह से आरोग्यधाम के बीच आए दिन लाइट बंद हो जाती हैं। महलगांव और कर्मचारी आवास कालोनी में कई लाइट बंद पड़ी हुई हैं।