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दिल्ली हाई कोर्ट से मध्य प्रदेश सरकार को IAS अधिकारी विनय शुक्ला (मृत) के मामले में झटका लगा है। हाई कोर्ट ने कहा कि सरकार ने एक मृत IAS अधिकारी को सालों तक प्रताड़ित किया और उसकी सेवानिवृत्ति के लाभ रोककर संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन किया है। कोर्ट ने सरकार की इस कार्रवाई को “मनमाना और परेशान करने वाला” बताया है।
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मामला IAS अधिकारी विनय शुक्ला (अब मृत) से जुड़ा है, जिनकी रिटायर के बाद लगभग सात वर्षों तक पेंशन और दूसरे लाभ रोके गए। कोर्ट ने पाया कि मध्य प्रदेश सरकार ने एक वसूली नोटिस की आड़ में उनके पेंशन लाभ नहीं दिए, जो नौकरी से हटाए गए समय में सरकारी आवास पर कथित अनधिकृत कब्जे को लेकर जारी किया था। न्यायमूर्ति चंद्रधारी सिंह की एकल पीठ ने कहा कि यह केवल अधिकारी के जीवित रहते तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उनकी मृत्यु के बाद भी प्रताड़ना जारी रही। साल 2022 में विनय शुक्ला के निधन के बाद उनका भाई न्याय के लिए लड़ता रहा। कोर्ट ने केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (CAT) के निर्णय को बरकरार रखते हुए मप्र सरकार की अपील याचिका को खारिज कर दिया। पीठ ने कहा कि यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक वरिष्ठ अधिकारी को सेवा से रिटायर होने के बाद भी सम्मानजनक व्यवहार नहीं मिला।
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