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ग्वालियर। शहर को स्मार्ट बनाने के लिए करोड़ों की राशि खर्च किए जाने के बाद भी सुंदरता दिखने की जगह शहर की बेकद्री हो रही है। इसके पीछे कारण यह है कि जो काम कराया गया, उसकी देखभाल तो दूर सीसीटीवी कैमरे देखकर भी कोई कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है।
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महल गेट से मांढरे की माता मंदिर तक करीब एक डेढ़ लंबी स्मार्ट रोड बनी हुई है, जिसकी सुंदरता को बढ़ाने लिए बीच में लगे डिवाइडर पर पत्थरों की जालियां लगाई गई हैं, लेकिन काम के बीच से ही जालियां टूटने लगी थीं और अब स्थिति यह है कि कई जालियां एक नहीं, बल्कि कई जगह से टूट चुकी हैं जो स्मार्ट रोड पर धब्बा लगाने का काम कर रही हैं। इसका कारण किसी आयोजन के दौरान नेताओं के होर्डिंग्स व बैनर लगाने के लिए जालियों का इस्तेमाल करना भी है। स्मार्ट शहर बनाने के लिए ग्वालियर को एक हजार करोड़ की राशि मिली थी, लेकिन उक्त राशि में से अधिकांश पैसे तो ग्वालियर स्मार्ट सिटी डेवलमेंट कॉर्पोरेशन ने नगर निगम एवं लोनिवि की सड़कों को संवारने पर ही खर्च कर दिए। वहीं शहर में जब भी कोई बड़ा नेता आता है और कार्यक्रम थीम रोड के उस ओर होते हैं। साथ ही कटोराताल के सामने छत्री में कोई कार्यक्रम होता है तो नेताओं के होर्डिंग-बैनर लगना शुरू हो जाते हैं। यह होर्डिंग, बैनर थीम रोड के बीच में बने डिवाइडर की जालियों में बांधकर लगाए जाते हैं, जिसके कारण अधिकतर जालियां टूट चुकी हैं, जिससे थीम रोड की सुंदरता खराब हो गई है। कहने को तो इस रोड पर सीसीटीवी कैमरे भी लगे हुए हैं और कई बार अधिकारी भी निर्देश दे चुके हैं कि होर्डिंग, बैनर लगाना बंद किया जाए, लेकिन नेताओं के आगे अधिकारियों के निर्देश बौने साबित हो रहे हैं। सीसीटीवी कैमरे देखकर भी यह पता लगाया जा सकता है कि थीम रोड़ की सुंदरता को कौन खराब कर रहा है, लेकिन किसी ने भी सीसीटीवी देखकर कार्रवाई करने की हिम्मत नहीं जुटाई है।
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