
ग्वालियर| ऐतिहासिक किले को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी से शहरवासी आक्रोश में आ गए हैं। लोगों का कहना है कि ग्वालियर किला हमारी विरासत है, इससे छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करेंगे। शहरवासियों का कहना है कि ग्वालियर किले पर बने ऐतिहासिक स्मारक हमारी पहचान हैं और किले के निजीकरण के बाद यहां मनमाने ढंग से वसूली प्रारंभ हो जाएगी। इसके विरोध में अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा शुक्रवार को कलेक्टर और राज्य पुरातत्व विभाग को ज्ञापन देकर चेताएगी।
बता दें, भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पर्यटन-संस्कृति विभाग ने इंटरग्लोब एविएशन लिमिटेड (इंडिगो एयरलाइंस) के साथ ग्वालियर किले के लिए एमओयू किया है। ग्वालियर किले पर जो स्मारक पूर्ण रूप से संरक्षित हैं और उनसे आमदनी भी हो रही है, ऐसे स्मारकों को निजी हाथ में देना ठीक नहीं रहेगा। क्योंकि उनके टिकट काफी बढ़ जाएंगे। ऐसे में आम आदमी स्मारकों को देखने से वंचित रह जाएगा और पुरातत्व महत्व भी समाप्त हो जाएगा। ग्वालियर किला ऐतिहासिक धरोहर है, इसका निजीकरण बिल्कुल भी नहीं होना चाहिए। इसे संरक्षित रखना सरकार की जिम्मेदारी है, न कि निजी कंपनियों को सौंपना। इससे आम जनता की पहुंच और सांस्कृतिक महत्व प्रभावित हो सकता है। किले का संरक्षण सरकार खुद करे, ताकि इसकी ऐतिहासिक पहचान बनी रहे।
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