मोबाइल चोरों को पकड़ना पुलिस के लिये बना चुनौती, नहीं सुलझ रही वारदातें


(धीरज बंसल)
ग्वालियर। ग्वालियर पुलिस के लिये मोबाइल चोरी की वारदातें सुलझाना टेढ़ी खीर साबित हो रहा है। पुलिस के लिये मोबाइल चोरों को पकड़ना और चोरी के मोबाइल बरामद करना एक चुनौती बनकर रह गया है। वहीं जिनके मोबाइल चोरी चले गये है वह लकीर पिटते नजर आ रहे है, क्योंकि पुलिस ने चोरी की कायमी तो कर ली, लेकिन चोरी किया मोबाइल बरामद कर धारक को लौटाने में सफल नहीं हो पा रही है।
ग्वालियर पुलिस मोबाइल चोरी की वारदातों पर अंकुश लगाने में फिसडडी बन कर रह गई है। जबकि पुलिस कप्तान समय-समय पर बैठक व थानों का निरीक्षण कर चोरी सहित सभी वारदातों को जल्द सुलझाने के निर्देश देते रहते है। साथ ही कानून व्यवस्था को बनाये रखने के लिये भी हिदायत देते है। लेकिन उसके बाबजूद पुलिस अपराधों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है। लगातार शहर में बढ़ती मोबाइल चोरी की वारदातें पुलिस के फेलियर को बता रही है। भीड़भाड़ वाले और संवेदनशील कार्यक्रम में मोबाइल चोर लंबा हाथ मार निकल जाते है और पुलिस हाथ मलकर रह जाती है। मोबाइल चोर भी अब शातिर हो गये है वह मोबाइल चुराने के बाद उसे खोलकर उसके पार्टस मोबाइल दुकानदारों को बेच देते है। इसके बाद दुकानदार उसे ग्राहक को बेच देता है। जिससे मोबाइल चोरी की वारदातें ट्रेस करने में पुलिस की साइबर सेल भी फिसडडी साबित हो रही है। जबकि मोबाइल चोर नये तरीके से अपना काम चमका रहे है। पुलिस मोबाइल चोरों को पकड़ने में पूरी तरह फेल साबित होकर रह गई है। जबकि जिसका मोबाइल चोरी जाता है वह अपने आंसू बहाता रह जाता है। क्योंकि हजारों में खरीदा मोबाइल एक सेकंड में चोरी चला जाता है। वहीं पुलिस चोरी की कायमी तक सिमटकर रह जाती है और मोबाइल चोर उसके पार्टस बेचकर अपनी पौबारह कर लेता है।