कालरा हॉस्पिटल का लाइसेंस निरस्त, ऑपरेशन के बाद 9 लोगों की चली गई थी आंखों की रोशनी

ग्वालियर। ग्वालियर में सीएमएचओ की बड़ी कार्रवाई देखने मिली है। 9 मरीजों की आंखों की रोशनी छीनने वाले कालरा अस्पताल का एमओयू रद्द कर दिया गया है। वहीं अस्पताल को 1 महीने का नोटिस पीरियड देकर लाइसेंस निरस्त करने की भी कार्रवाई की गयी है। दरअसल निवारण हेल्थ वेलफेयर सोसाइटी ने बीते 9 दिसंबर को भिंड जिले के कृपे का पुरा में नेत्र परीक्षण शिविर लगाया था। इसमें कालरा हॉस्पिटल की टीम पहुंची और टीम ने 11 मरीजों की आंख में मोतियाबिंद पाया,अस्पताल प्रबंधन ने सभी को ग्वालियर लेकर आई जहां डॉक्टर रोहित कालरा ने ऑपरेशन किया, जिसके बाद मरीजों को दिखना बंद हो गया।
मरीजों की आंख की रोशनी जाने पर 6 मरीजों को शासकीय 1000 बिस्तर के हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया। जहां डॉक्टर्स ने उनकी आंख की रोशनी वापस न लौटने की बात कही। जिसके बाद मामले की जांच के लिए ग्वालियर सीएमएचओ ने 3 सदस्यीय समिति का गठन किया। समिति ने ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर कालरा के साथ मरीजों के भी बयान दर्ज किये। ग्वालियर सीएमएचओ प्रभारी डॉ विजय पाठक जांच समिति की रिपोर्ट पर कालरा हॉस्पिटल का एमओयू निरस्त किया गया है। साथ ही अस्पताल का पंजीयन निरस्त करने का नोटिस भी जारी किया गया है। आपको बता दे कि जांच समिति की रिपोर्ट में अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई है। जिसके चलते यह कार्रवाई की गई।