
आरटीओ के पूर्व कांस्टेबल सौरभ शर्मा के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में शिकंजा कसते हुए शुक्रवार को भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की। ईडी की टीम ने भोपाल के जयपुरिया स्कूल क्षेत्र में स्थित उनके ऑफिस और अन्य स्थानों पर सर्च अभियान चलाया हुआ है। मौके पर पुलिस बल भी बड़ी संख्या में तैनात है। बता दें कि गुरुवार को ही सौरभ शर्मा शर्मा की ओर से उनके वकील ने कोर्ट में जमानत के लिए याचिका दायर की थी। विशेष अदालत ने उसे कोई राहत नहीं दी। कोर्ट ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दिया है। ऐसे में सौरभ की मुश्किलें अब और बढ़ेंगी।
ईडी ने सौरभ शर्मा के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान कई अहम दस्तावेज और नकदी बरामद होने का दावा किया है। शर्मा और उनके सहयोगी चेतन गौर के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस पहले से ही दर्ज है। लोकायुक्त की ओर से मामले में पांच अन्य व्यक्तियों को समन भी जारी किए गए हैं। बता दें लोकायुक्त की छापेमारी में सौरभ शर्मा के घर और कार्यालय से 7 करोड़ 98 लाख रुपए की चल संपत्ति मिली थी। साथ ही करोड़ों रुपए की अचल संपत्ति के दस्तावेज मिले है। इसको लेकर जांच जारी है। वहीं, भोपाल के पास मेंडोरी इलाके में एक कार में 52 किलो सोना और करीब 10 करोड रुपए नगद बरामद हुए थे। जिस कार में यह माल बराबद हुआ, वह सौरभ शर्मा के दोस्त चेतन सिंह गौर के नाम पर है। गौर ने एजेंसियों को पूछताछ में बताया कि कार का उपयोग सौरभ शर्मा करता था। वहीं, मीडिया से बातचीत में सौरभ की मां उमा शर्मा का कहना है कि कार का उपयोग कार्यालय के सभी लोग उपयोग करते थे।
मामले की शुरुआत कैसे हुई?
यह मामला 19 दिसंबर की रात भोपाल के मेंडोरा जंगल में एक कार से शुरू हुआ था। इस कार से 52 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे। लोकायुक्त ने कार्रवाई करते हुए सौरभ शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इसके बाद आयकर विभाग ने सौरभ शर्मा के घर, ऑफिस और अन्य ठिकानों पर छापेमारी की थी, जिसमें नकदी और सोने-चांदी की ईंटें बरामद हुई थीं।
मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की जांच
सौरभ शर्मा और चेतन गौर पर मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार से अर्जित संपत्ति को छिपाने का आरोप है। ईडी ने इस मामले में विस्तृत जांच शुरू कर दी है। शर्मा के खिलाफ की गई इस कार्रवाई ने भोपाल सहित अन्य शहरों में हड़कंप मचा दिया है। ईडी की इस कार्रवाई के बाद मामले में और भी बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। बरामद दस्तावेजों और नकदी से जुड़ी जांच में अन्य आरोपियों के नाम भी सामने आ सकते हैं।
यहां से शुरू हुआ मामला
बता दें कि ये कार्रवाई 19 दिसंबर की रात भोपाल के मेंडोरा जंगल में मिली इनोवा क्रिस्टा कार से शुरू हुई। जांच के दौरान कार से 52 किलोग्राम सोना और 10 करोड़ रुपये बरामद हुए थे। लोकायुक्त की कार्रवाई के बाद सौरभ शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसके बाद आयकर विभाग की ओर से सौरभ शर्मा के घर और ऑफिस सहित अन्य ठिकानों पर छापे मारे गए। इस दौरान नकद और सोने-चांदी की कई ईंट बरामद हुईं थी।
कौन है सौरभ शर्मा
सौरभ शर्मा को उनके पिता आरके शर्मा की मृत्यु के बाद 2016 में अनुकंपा नियुक्ति परिवहन विभाग में सिपाही के रूप में मिली थी। सौरभ के पिता स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत थे। इसके बाद सौरभ शर्मा नियुक्ति के बाद परिवहन विभाग के आला अधिकारियों और मंत्रियों का खास बन गया। वह चेक पोस्ट से अवैध रूप से आने वाले पैसों का पूरा हिसाब किताब रखने लगा। बताया जाता है कि उसके अनुसार ही चेक पोस्ट पर पोस्टिंग भी होती थी। उसने 2023 में स्वेच्छा से नौकरी छोड़ दी। इसके बाद ठेकेदारी के काम करने लगा। उस पर आरोप है कि उसने भ्रष्टाचार से करोडों की संपत्ति अर्जित की, जिसे बाद काले से सफेद करने की कोशिश कर रहा था।

