मध्यप्रदेश शासन का बड़ा एक्शन: रुपए लेकर दर्शन करवाने के मामले में महाकाल मंदिर प्रशासक को हटाया

विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में रुपए लेकर दर्शन करवाने के मामले में आठ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद मध्यप्रदेश सरकार की जांच महाकालेश्वर मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ पर गिर गई है। भोपाल से जारी आदेश के बाद उन्हें हटा दिया गया है।
विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर लगातार सुर्खियों में बना हुआ है, जहां रुपए लेकर दर्शन करवाने का एक मामला खुद कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने नंदी हॉल में पकड़ा था। इसके बाद पुजारी प्रतिनिधि और उनके सहायक प्रतिनिधि के खिलाफ महाकाल थाने में प्रकरण दर्ज किया गया था। इस मामले में जब जांच आगे बढ़ाई गई तो पता चला कि महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन करवाने के नाम पर एक गिरोह सक्रिय है जो कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं से दर्शन के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी कर चुका है। मामले में आगे कार्यवाही करने पर दर्शन व्यवस्था प्रभारी राकेश श्रीवास्तव और सफाई प्रभारी विनोद चौकसे को हिरासत में लिया गया था। जिनसे की गई पूछताछ के बाद इस मामले में महाकाल मंदिर में जिला प्रोटोकॉल के अभिषेक भार्गव, मंदिर प्रोटोकॉल के राजेंद्र सिसोदिया, मंदिर के आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा आउटसोर्स कर्मचारी ओमप्रकाश माली और जितेंद्र परमार सहित धोखेबाजों की संख्या लगभग 8 हो चुकी है। सभी लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी अमानत में खयानत की धारा के साथ ही महाकालेश्वर मंदिर अधिनियम की धारा 18 (2) के तहत भी कार्रवाई की गई है। इस मामले में कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया है कि महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के नाम पर हुई इस धोखाधड़ी के मामले में मध्यप्रदेश शासन ने भी बड़ा एक्शन लेते हुए मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ को हटा दिया है। बताया जाता है कि प्रशासक गणेश धाकड़ कुल दो बार महाकाल मंदिर के प्रशासक के पद पर रह चुके हैं। वे पहले कार्यकाल के दौरान में 1 साल 7 दिन इस पद पर रहे, इसके बाद लगभग 4 माह 10 दिन पहले ही उन्हें फिर इस पद की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन वे ज्यादा समय तक इस पद की जिम्मेदारियां को नहीं संभाल पाए और आज मध्य प्रदेश शासन ने उन्हें फिर इस पद से हटा दिया।

8 लोगों के खिलाफ हो गई FIR, करोड़ों के मिले थे बैंक ट्रांजैक्शन
महाकाल के भोले भाले भक्तों को दर्शन करवाने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने के मामले में महाकाल थाना पुलिस ने मंदिर के सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे और दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज करते हुए उनके खातों की डिटेल और व्हाट्सएप चैटिंग की जांच करना शुरू की थी। शुरुआती दौर में ही जहां दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव द्वारा शहर की बेशकीमती कॉलोनी में 1 करोड़ 20 लाख का प्लॉट खरीदने की जानकारी सामने आई थी वही मंदिर के सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे के खाते में लगभग 50 लाख रुपए का लेनदेन 6 माह में ही होना सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने सोमवार को दोनों ही आरोपियों को न्यायालय में पेश किया था जहां से महाकाल थाना पुलिस उन्हें पूरे मामले की पूछताछ के लिए रिमांड के लिए थाने पर लाई थी जहां पुलिस द्वारा की गई पूछताछ के दौरान दोनों ही आरोपियों ने एक बड़ा खुलासा किया है जिसमें उन्होंने पुलिस को बताया कि आखिर महाकाल मंदिर से जुड़े और कौन-कौन लोगों के साथ मिलकर वे धोखाधड़ी को अंजाम देते थे।
एसपी प्रदीप शर्मा ने बताया कि महाकाल मंदिर में श्रद्धालुओं से ठगी मामले मे की गई पूछताछ के दौरान सफाई निरीक्षक विनोद चौकसे और दर्शन प्रभारी राकेश श्रीवास्तव की जुबान खुल गई है। उन्होंने महाकाल मंदिर में जिला प्रोटोकॉल के अभिषेक भार्गव, मंदिर प्रोटोकॉल के राजेंद्र सिसोदिया, मंदिर के आईटी प्रभारी राजकुमार सिंह, भस्म आरती प्रभारी रितेश शर्मा आउटसोर्स कर्मचारी ओमप्रकाश माली और जितेंद्र परमार के नामो का खुलासा किया है जिनके साथ मिलकर वे श्रद्धालुओं से दर्शन कराने के नाम पर रुपए लेकर ठगी करते थे। दोनों ही आरोपियों द्वारा इन लोगों के नाम लिए जाने के बाद से ही उनकी गिरफ्तारी के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं जल्द ही इन सभी आरोपियों को पकड़कर इनसे कड़ी पूछताछ की जाएगी। वैसे इन सभी आरोपियों के भी मोबाइल के व्हाट्सएप चैटिंग डाटा और खातों के ट्रांजैक्शन देखे जाएंगे जिससे कि पता चल पाए की इस ठगी में इनकी संलिप्तता आखिर कितनी थी। वैसे अभी इस मामले में धोखाधड़ी, अमानत में खयानत जैसी धाराओं मे प्रकरण दर्ज कर लिया गया है।