बिल वसूली को लेकर बिजली कंपनी परेशान, स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी, सरकारी दफ्तरों से शुरुआत

(पंकज राजकुमार बंसल)
ग्वालियर। अंचल में बिजली चोरी के साथ ही बिल वसूली को लेकर बिजली कंपनी खासी परेशान रहती है। करोड़ों की राशि बकाया होने के बाद कंपनी कई तरह के प्रयोग करने के बाद भी बकाया वसूली नहीं कर पा रही है। ऐसे में कंपनी अब स्मार्ट मीटर लगाने की तैयारी कर रही है, जिसकी शुरुआत सरकारी दफ्तरों से की जाएगी। सरकारी दफ्तरों के बाद स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के घरों पर लगाए जाएंगे।
स्मार्ट मीटर का फंडा यह है कि जितनी जरूरत उतना ही बिजली का उपयोग करो। वहीं सरकारी दफ्तरों पर भी बिजली का काफी बिल बकाया है और उसको लेकर कई बार विवाद भी होते रहे हैं। इसके चलते अब बिजली कंपनी सरकारी ऑफिसों में बिजली की होने वाली बेहिसाब खपत को रोकने के लिए स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू करने जा रही है। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी केंद्र सरकार की रिवेम्प्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत यह स्मार्ट मीटर लगाएगी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद सरकारी दफ्तरों से बिल बकाया वसूली का झंझट समाप्त हो जाएगा और जितने का रिचार्ज होगा, उतनी ही बिजली मिलेगी और रिचार्ज समाप्त होते ही अपने आप ऑन लाइन कनेक्शन विः छेदन हो जाएगा। स्मार्ट मीटर की खासियत यह है कि इसकी हर समय मॉनिटरिंग हो सकेगी। साथ ही प्रतिदिन बिजली की कितनी खपत हो रही है, इसका आकलन भी संबंधित दफ्तर के अधिकारी अपने मोबाइल पर देख सकेंगे।
स्मार्ट मीटर लगने की भनक के बाद से ही वे उपभोक्ता अभी से परेशान होने लगे हैं जो बिजली चोरी के साथ ही बिल जमा नहीं करते हैं। वैसे बकाया वसूली को लेकर बिजली कंपनी ने कई तरह के प्रयोग किए, जिसके चलते सार्वजनिक तौर पर नाम ओपन किए गए। वहीं हथियारों के लाइसेंस निरस्त करने का भी भय दिखाया पर बकाया वसूली में सफलता नहीं मिल सकी थी। मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के अंर्तगत आने वाले भोपाल और ग्वालियर चंबल संभाग के 16 जिलों में 11 हजार 262 स्मार्ट मीटर लगाए जा रहे हैं। भोपाल में इसका काम शुरू हो चुका है जबकि ग्वालियर में सरकारी दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो गया है। ग्वालियर शहर में 1051 मीटर लगाने का लक्ष्य रखा गया है। जनरल मैनेजर शहर बिजली कंपनी ग्वालियर नितिन मांगलिक के अनुसार उपभोक्ताओं के घरों में स्मार्ट मीटर लगाने से पहले हम सरकारी ऑफिसों से शुरूआत करने जा रहे हैं, जिससे लोग यह न कह सकें कि देखा सारा जोर हमारे ऊपर ही चल रहा है। शहर के सभी शासकीय दफ्तरों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम शुरू हो जाएगा। स्मार्ट मीटर लगने के बाद सरकारी विभागों पर बकाया बिल वसूली का झंझट समाप्त हो जाएगा।
बिल जमा नहीं तो ऑनलाइन ही कट हो
कनेक्शन बताया गया है कि स्मार्ट मीटर में एक डिवाइस लगी है, जो मोबाइल टावर से बिजली कंपनियों में लगने वाले रिसीवर तक सिग्नल पहुंचाती है। जिससे बिजली कंपनी अपने ऑफिस से ही मीटर की रीडिंग व निगरानी कर सकेगी। स्मार्ट मीटर लगने के बाद कंपनी को रीडिंग लेने के लिए कर्मचारियों को नहीं भेजना पड़ेगा। इस मीटर के लगने के बाद निर्धारित समय में बिल भुगतान न करने पर ऑनलाइन ही बिजली कनेक्शन कट हो जाएगा।