कांग्रेस में संगठन मजबूत करने विधायकों पर भरोसा, आम कार्यकर्ता नजरअंदाज


(धीरज राजकुमार बंसल)
पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी की घोषित कार्यकारिणी में विधायकों पर संगठन मजबूत करने का भरोसा जताया गया है। जबकि आम कार्यकर्ता को पूरी तरह नजरअंदाज किया गया है। जबकि कार्यकारिणी घोषित करने से पहले पटवारी ने कहा था कि सक्रिय कार्यकर्ता को महत्व दिया जाएगा, लेकिन सूची सामने आने के बाद स्पष्ट हो गया कि कार्यकारिणी गुटबाजी के फेर में फंसी रही है।
प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी में अभी तक ग्वालियर-चंबल कांग्रेसियों का खासा दबदबा रहता था, लेकिन इस बार इस दबदबे को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है। वरिष्ठ नेताओं को मूल कार्यकारिणी से एक तरह से दूर रख उनको आमंत्रित सदस्य बना लिया गया है, जबकि एक समाज विशेष के कांग्रेसियों को काफी महत्व दिया गया है। इससे पहले जो कार्यकारिणी थी उसमें कार्यकारी अध्यक्ष से लेकर उपाध्यक्ष व महासचिव के पद पर अंचल से कई कांग्रेसी पदस्थ थे। लेकिन इस बार उनको नजरअंदाज किया गया है। प्रदेश कांग्रेस कार्यकारिणी में विधायकों व पूर्व विधायकों पर भरोसा जताया गया है जबकि आम कार्यकर्ता पार्टी के लिए मेहनत करता है उसे मौका देना उचित नहीं समझा है। अंचल की ही बात करें तो यहां से विधायक फूल सिंह बरैया, सुरेश राजे, पंकज उपाध्याय, बाबू जंडेल के साथ ही पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव, घनश्याम सिंह, प्रवीण पाठक को कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है जबकि केपी सिंह को स्थायी सदस्य व रामसेवक सिंह एवं राकेश चैधरी को विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया गया है। इसके अलावा सुनील शर्मा व संजय यादव को महासचिव बनाया गया है। अब जब संगठन में विधायक व पूर्व विधायकों को ही स्थान दिया जाएगा तो फिर आम कार्यकर्ता पार्टी से कैसे जुड़ा रह सकता है।