
ग्वालियर। रेत हो या पत्थर, अवैध उत्खनन के लिए कुख्यात ग्वालियर चंबल अंचल में अब आइ-चेक गेट लगाए जाएंगे। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित यह आइ-चेक गेट खनिज विभाग लगाने जा रहा है और भोपाल में इसकी शुरुआत हो चुकी है। यह इस तरह के आइ-चेक गेटस होंगे जो खनिज ले जा रहे वाहन को पूरी तरह स्कैन कर लेंगे और चालक को पता भी नहीं चलेगा| वाहन में कितना माल है, कितना लोड है और यहां तक कि वाहन का नंबर भी आटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर से पकड़ लिया जाएगा। गेट इस तरह लगेंगे कि चालक को ये पता नहीं होगा कि यह आइ-चेक गेटस कहां लगे हैं। अवैध उत्खनन को रोकने के लिए यह काम खनिज विभाग कर रहा है जिसमें तकनीक का पूरा जिम्मा रेलटेल को दिया गया है। प्रदेशभर में ऐसे 40 गेट बनाए जा रहे हैं।
बता दें कि ग्वालियर चंबल अंचल में अवैध उत्खनन की सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आती हैं। यहां इसे रोकने के लिए खनिज विभाग ने अब एआइ आधारित चेक गेट बनाने की व्यवस्था की है। ग्वालियर चंबल अंचल में तीन से चार गेट बनाए जाएंगे। इसको लेकर विभाग ने पूरी तैयारी कर ली है। इसमें खनिज लेकर जा रहे वाहनों की पूरी जानकारी ट्रैक की जा सकेगी। भोपाल में यह सिस्टम लागू होने के बाद प्रदेशभर में शुरू किया जा रहा है। वाहन की पूरी जानकारी आने के बाद संबंधित धाराओं में कार्रवाई की जा सकेगी और मालिक से बड़ी आसानी से जुर्माना भी वसूला जा सकेगा। प्रदेश में आइ-चेक गेट शुरू किए जा रहे हैं, भोपाल में यह शुरू किया जा चुका है। ग्वालियर-चंबल अंचल में भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित गेट लगेंगे और अवैध उत्खनन पर रोक लगाई जा सकेगी।

