चार मंजिला मल्टी का पिलर टूटा… दहशत में आए 24 परिवार घर छोड़ गए

ग्वालियर। नेहरू काॅलोनी थाटीपुर में लगभग 10 साल पुरानी एक चार मंजिला बिल्डिंग का पिलर टूट गया। बिल्डिंग एक तरफ झुक गई। इमारत के अंदर भी दरारें पड़ गईं। कंपन के कारण बिल्डिंग में रहने वाले 24 परिवार दहशत में आ गए। आनन-फानन में मामले की सूचना बिल्डर को दी, तो उसने पिलर को सहारा देने के लिए लोहे के सरिए लगवा दिए। इसके बावजूद बिल्डिंग अगल-बगल की इमारतों पर टिक गई।
नगर निगम और पुलिस बल मौके पर पहुंचा। इसके बाद देर रात तक बिल्डिंग को खाली करा लिया गया। निगमायुक्त हर्ष सिंह मौके पर पहुंचे और बिल्डिंग के आसपास पुलिस से बैरिकेडिंग लगवाई। बताया जा रहा है कि लगातार पानी भरने के कारण पिलर कमजोर हो गया था। काॅलोनी में गोल्डन टाॅवर नाम से चार मंजिला इमारत है। इसे दो प्लाॅट क्रमांक 91 और 92 को मिलाकर तैयार किया गया है। बिल्डर मोहन बांदिल बताए गए हैं। बिल्डिंग में कुल 24 फ्लैट हैं, जिनमें आधा सैकड़ा से अधिक लोग निवास करते हैं। मंगलवार रात लगभग आठ बजे बिल्डिंग की पार्किंग में मौजूद पिलर तेज आवाज के साथ चकनाचूर हो गया। इससे बिल्डिंग में कंपन महसूस हुआ और फ्लैटों के अंदर दरारें आ गईं।
दहशत में सभी परिवार बिल्डिंग से बाहर निकल आए और बिल्डर को सूचना दी। नगर निगम के प्रभारी सिटी प्लानर प्रदीप जादौन, भवन अधिकारी पवन शर्मा, मदाखलत अधिकारी शैलेंद्र चौहान और क्षेत्रीय अधिकारी प्रगति गोस्वामी मौके पर पहुंच गए। पिलर के आसपास लोहे के एंगल लगाकर बिल्डिंग को सहारा दिया गया और एक-एक कर फ्लैटों को खाली कराया गया। आरोप है कि जब लोगों ने बिल्डर को फोन लगाए, तो उसने फोन नहीं उठाए। थोड़ी देर बाद फोन स्विच ऑफ कर लिया। नगर निगम द्वारा बिल्डर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की तैयारी की जा रही है।
अचानक ही बिल्डिंग के खतरनाक अवस्था में पहुंचने पर लोग अपना जरूरत का सामान समेटकर घरों से बाहर निकल आए। किसी ने अपने रिश्तेदार को फोन किया, तो कोई होटल की तलाश में निकल गया। फ्लैट नंबर ए-303 में रहने वाली संगीता देवी न  कहा कि इतनी देर रात अब किस रिश्तेदार को फोन करेंगे, इसलिए परिवार के साथ रेलवे स्टेशन जा रहे हैं। सुबह आकर देखेंगे कि किस प्रकार से फ्लैट से सामान निकालना है।
पिलर टूटने के कारण बिल्डिंग एक तरफ निर्माणाधीन इमारत पर टिक गई है। पीछे की तरफ भी मकान बने हुए हैं। इमारत के पीछे मौजूद मकान में रहने वाले नलिन गुप्ता का कहना है कि जिस समय इमारत बन रही थी, उस समय हमने कई शिकायतें की थीं। बिल्डिंग दो प्लाटों पर मिलाकर बनाई गई है। एक मंजिल अतिरिक्त निर्माण कर लिया गया है। बिल्डिंग उनके घर की तरफ भी टिक गई है। सुबह असल में पता चलेगा कि बिल्डिंग की वास्तविक स्थिति क्या है। निगमायुक्त ने निर्देश दिए कि बिल्डर से इस बिल्डिंग की मरम्मत कराई जाए। जरूरत पड़ने पर नगर निगम द्वारा भी सहयोग किया जाएगा। मरम्मत के बाद सब निरीक्षण में इंजीनियर बिल्डिंग को ओके रिपोर्ट देंगे, तभी फ्लैट में लोग रह सकेंगे। निगम अधिकारियों के अनुसार यदि मरम्मत की हालत नहीं बनती है, तो फिर फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों के सहारे लोगों के घरों से एक-एक कर सामान निकाला जाएगा।