
ग्वालियर| एजी पुल की दूसरी ओर से रास्ता शुरू होने में तीन दिन नहीं, बल्कि एक सप्ताह से अधिक का समय लग जाएगा। इसका कारण है कि नए मार्ग को खोलने में तीन पेड़, नाला और गैस की पाइपलाइन अड़चन बन रहे हैं। इस दौरान रास्ते में खड़े तीन पेड़ों को काटने पर मंथन किया गया। हालांकि कुछ इंजीनियर पेड़ काटने के बजाय रास्ते को थोड़ा घुमाने के पक्ष में थे, तो कुछ इंजीनियर रास्ते को सीधा करने के लिए पेड़ काटने की मंजूरी लेने पर चर्चा करते नजर आए।
इस रोड पर जलजमाव की स्थिति भी निर्मित हो सकती है, ऐसे में पानी की निकासी के लिए नाला तैयार करने की भी जरूरत होगी। वहीं एजी पुल के बगल से मौजूद डिवाइडर के पास गैस पाइपलाइन मौजूद है। ऐसे में रोड निर्माण के दौरान इसके टूटने की भी संभावना बनी हुई है। शुक्रवार को निगम के इंजीनियर सुरेश अहिरवार, शैलेंद्र सक्सेना और राकेश कश्यप इस रोड का निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। निरीक्षण के दौरान देखा कि सड़क के दाईं तरफ खड़े कुछ पेड़ों को काटने की जरूरत पड़ सकती है। यदि पेड़ नहीं काटे जाते हैं, तो रोड को थोड़ा या घुमाव देना पड़ेगा। वहीं निर्माण की खोदाई के दौरान नीचे नाले के पाइप भी मिले, जिन्हें वर्षा जल की निकासी के लिए अन्य पाइप से जोड़ना पड़ेगा। इन सभी कार्यों में समय लगेगा। वर्तमान में कार्यशाला के मुख्य द्वार के पास ही सड़क बनी हुई है। बाकी एजी पुल के अंत तक अभी सिर्फ गिट्टी डाली गई है। ऐसे में डामरीकरण उसी स्थिति में हो सकेगा, जब पेड़, नाले और पाइपलाइन से संबंधित कार्य हो सकें।

