नए चिड़ियाघर में मिलेगा सफारी जैसा आनंद, खुली जीप में कर सकेंगे वन्य प्राणियों के दीदार

ग्वालियर। शहर के बीचोंबीच 12 हेक्टेयर में फैले गांधी प्राणी उद्यान को नए स्थान पर शिफ्ट करने का प्लान काफी लंबे समय से तैयार है। सिर्फ वन विभाग की सहमति मिलने का इंतजार है। इसे गुढ़ा-गुढ़ी का नाका पर 125 हेक्टेयर वन भूमि पर तैयार किया जाना है। नए चिड़ियाघर में सैलानियों को सिर्फ जू नहीं, बल्कि सफारी जैसा आनंद मिल सकेगा। यहां वन्य प्राणियों को पिंजरे में नहीं, बल्कि खुले एरिया में रखा जाएगा। वहीं सैलानियों को सफारी की तर्ज पर खुली जीप में चिड़ियाघर में घुमाया जाएगा।
नगर निगम का गांधी प्राणी उद्यान फूलबाग क्षेत्र में सिर्फ 12 हेक्टेयर में बना हुआ है। इसमें 560 वन्य प्राणियों के केज बने हुए हैं। पर्यटक सिर्फ दूर से ही वन्य प्राणियों को देख पाते हैं। इस चिड़ियाघर को वर्ष 1902 में बनाया गया था। उस समय इसका नाम किंग जार्ज जूलाजिकल पार्क था। उस समय सिर्फ राजघराने के शाही मेहमानों को ही इस जूलाजिकल पार्क में प्रवेश दिया जाता था। वर्ष 1922 में इसे आम जनता के लिए खोल दिया गया और इसका नाम गांधी प्राणी उद्यान रखा गया। अब सैलानियों और वन्य प्राणियों की बढ़ती संख्या के कारण इस चिड़ियाघर के विस्तार की आवश्यकता महसूस हो रही है, लेकिन फूलबाग क्षेत्र में अब जगह नहीं बची है। इसके चलते नगर निगम ने गुढ़ा-गुढ़ी का नाका पहाड़ी पर 125 हेक्टेयर वन भूमि पर चिड़ियाघर सफारी का प्रस्ताव तैयार किया था। इसके लिए वन विभाग से एनओसी मिलना बाकी है। यहां चिड़ियाघर सफारी की व्यवस्था की जाएगी। यहां नगर निगम द्वारा खुली जिप्सी की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें सैलानी बैठकर वन्य प्राणियों का नजदीक से दीदार कर सकेंगे।