
ग्वालियर। 25 दिसंबर से 25 फरवरी तक लगने वाले ग्वालियर व्यापार मेला के शुरू होने में अब मात्र 7 दिन बचे है। मेला में झूला सेक्टर को छोड़कर कहीं कोई भी काम नहीं हो रहा है। शोरूम निर्माण के कार्य ठप्प पड़े है। शोरूम बनाने में उपयोग आने वाले बांस बल्ली तंबू तक नहीं लगा है। प्रभारी मंत्री की चेतावनी के बाद मेला लगने का काम सुस्त है। हालांकि मुख्यमंत्री ने आरटीओ में छूट की घोषणा कर दी है। उसके बाबजूद इलेक्ट्रोनिक से लेकर आटोमोबाइल, मीना बाजार में अब कोई कोई कील या तंबू लगना भी षुरू नहीं हुआ है। जबकि प्राधिकरण ने व्यापारियों को सात दिन में शोरूम तैयार करने की चेतावनी दी है। जबकि प्राधिकरण खुद अब तक पार्किंग, सप्लाई सहित अन्य आवष्यक टेंडर प्रक्रिया को नहीं कर पाया है।
उल्लेखनीय है कि विष्वभर में प्रसिद्ध ग्वालियर व्यापार मेला आगामी 25 दिसंबर से शुरू होगा। लेकिन मेला षुरू होने की तिथि प्राधिकरण घोषित करके खुद ही भूल गया है। अब तक मेला में शोरूम बनाने के लिये कील बांस बल्ली तंबू तक नहीं ठुका है। जिससे उम्मीद है कि मेला हर बार की तरह ही समय से नहीं लगेगा। फिर प्राधिकरण क्यों 25 दिसंबर तिथि निर्धारित करता है मेला लगाने की। जबकि प्राधिकरण खुद ही फिसडडी साबित होता है मेला को समय पर शुरू कराने में। मेला आफिस में कोई जिम्मेदार अफसर भी नहीं है, जो मेला को समय पर लगाने के लिये उत्साहित दिखे। लंबे समय से मेला में बोर्ड भी नहीं बना है। बिना राजनैतिक नियुक्ति के चल रहे मेला को कब तक सरकार प्रषासन के सहारे लगायेगी। हालांकि प्रभारी मंत्री तुलसी सिलावट की फटकार के बाद मेला सचिव ने व्यापारियों को समय से अपने षोरूम बनाने का अल्टीमेटम दिया है। वहीं जबकि पार्किंग, लाईट सहित अन्य आवष्यक टेंडर खुलना तय है। यहां बताना मुनासिब होगा कि 100 जमीन में फैले इस मेला को 26 छतरियों में बांटा गया है। जिसमें अलग अलग सेक्टर लगाये जाते है। वहीं मेला प्राधिकरण अभी तक दंगल की तैयारी भी नहीं कर सका है। दंगल में देषभर से भाग लेने पहलवान आते थे। वहीं सांस्कृतिक कैलेण्डर से लेकर नवाचार का भी अभी तक कोई जिक्र नहीं हुआ है। साथ ही दुकानों का आवंटन भी अभी तक नहीं निपट आया है। जबकि प्राधिकरण व्यापारियों से समय से दुकान लगाने की कह रहा है। हालांकि मेला में खानपान, झूला सेक्टर को छोड़कर कहीं कोई कील तंबू नहीं लगा है, जो शोरूम
तैयार करने के काम की चुगली करें। वहीं व्यापारी भी प्राधिकरण के अल्टीमेट के बाद भी बेफिक्र ही है।

