आरओबी का काम सात साल बाद भी अधूरा

ग्वालियर। शहर में 2017 में चार आरओबी के निर्माण के लिए एक साथ भूमिपूजन हुआ। तीन बन गए, ट्रैफिक चालू हुए भी एक साल गुजर गया, जबकि नाका चंद्रवदनी से कलेक्ट्रेट को जोड़ने वाला विवेकानंद आरओबी आठ साल बाद भी अधूरा पड़ा है। पहले तो रेलवे के चक्कर में काम अटका रहा, अब काम पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग के अफसरों के अधूरे होमवर्क के कारण अटका हुआ है। सर्विस रोड निर्माण के लिए जब विभाग ने काम शुरू किया तो बिल्डरों ने विरोध कर काम रुकवा दिया।
जब भूअर्जन का प्रस्ताव तैयार हुआ तो बिल्डरों ने मोटे मुआवजे के चक्कर में लैंडयूज बदलवा दिया। नतीजा जिस जमीन के लिए विभाग को पहले केवल डेढ़ करोड़ रुपये मुआवजा देना था, उसके लिए अब करीब 6.50 करोड़ रुपये देना पड़ेगा। हालांकि अब पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने भूअर्जन का इरादा ही बदल दिया है। अब विभाग किसी को मुआवजा नहीं देगा, बल्कि पहले जो सर्विस रोड 5.5 मीटर की बनना थी, अब उसे तीन मीटर की बनाया जाएगा।
रेलवे ने पहले 60 मीटर, फिर 45 मीटर और अंत में 37 मीटर आरओबी का हिस्सा बनाने की बात कही। जिसके कारण पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने तीन बार अपनी डिजाइन बदली। 30 जून 2023 को गर्डर लांच फेल हो गया। अभी करीब छह माह पहले ही रेलवे काम पूरा किया है। रेलवे का काम पूरा होने के बाद जब पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग ने काम शुरू किया तो जहां पिलर खड़ा होना था, वहां नीचे सीवर लाइन निकल आई। डेढ़ माह काम अटका रहा, निगम को करीब पांच लाख का भुगतान कर सीवर लाइन शिफ्ट कराने पर काम शुरू हुआ।
जब विभाग ने सर्विस रोड बनाने का काम शुरू किया तो बिल्डरों ने मुआवजे की मांग रख दी। विभाग ने कृषि भूमि होने से करीब डेढ़ करोड़ का प्रस्ताव तैयार किया। इसी बीच जमीन का लैंडयूज बदलकर रिहाइशी करा लिया गया, जिससे मुआवजा राशि बढ़कर तीन करोड़ हो गई। इसके बाद बिल्डरों ने लैंडयूज बदलकर कमर्शियल कर दिया, जिससे अब मुआवजे की राशि बढ़कर करीब साढ़े छह करोड़ हो गई। विवेकानंद आरओबी के निर्माण में भूअर्जन के लिए बजट का प्रावधान नहीं है। पहले पीडब्ल्यूडी सेतु संभाग मुआवजा देने का मन बना रहा था, लेकिन अब बिल्डरों की हरकत देखने के बाद विभाग ने भूअर्जन नहीं करने का निर्णय लिया है। अब विभाग को यहां सर्विस रोड के लिए तीन मीटर जगह मिल रही है, इसलिए इतनी चौड़ी ही रोड बनाई जाएगी।
सूत्रों की माने तो जरूरत पड़ने पर कलेक्ट्रेट की तरफ के हिस्से में पुल की चौड़ाई को भी कम किया जा सकता है, हालांकि अभी इसको लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। विभागीय अफसरों का दावा है कि 15 दिसंबर तक आरओबी को जनता के लिए खोल दिया जाएगा। वर्तमान में दो स्लैब, दो पिलर तैयार हो चुके हैं। एक स्लैब का काम जारी है, एक का काम होना है। विवेकानंद आरओबी कब चालू होगा, इसके जवाब में अब तक केवल तारीख पर तारीख ही मिलती रही है। पहले मार्च 2023, फिर मई 2023, सितंबर 2023, नवंबर 2023 आैर अब 15 दिसंबर 2024।