शरदीय नवरात्र के लिए आदिशक्ति के मंदिर सजना शुरू हुए, तीन से होगी आराधना

ग्वालियर। शरदीय नवरात तीन अक्टूबर से शुरू होंगी। नगर में मां दुर्गा की आराधना की तैयारियां शुरू हो गई है। नगर के प्रमुख देवी मंदिरों में साफ-सफाई के साथ विद्युत साज-सज्जा का कार्य शुरू हो गया है। शारदीय नवरात्र में नगर के प्रमुख बाजारों, कालोनियों, टाउनशिप सहित गली मोहल्लों में आदिशक्ति को विराजित कर नौ दिन तक पूरे भक्तिभाव के साथ साधना करने की परंपरा है।
देवी मां को विराजित करने के लिए पंडालों का निर्माण शुरू हो गया है। मूर्तिकार विभिन्न स्वरूपों में मिट्टी की देवी प्रतिमाओं को आकार देने में लगे हैं। मूर्तिकारों ने बताया कि हर वर्ष के भांति शेर पर सवार मां दुर्गा के अलावा, कालीमाता, देवी के नौ स्वरूपों को देवीभक्त शक्ति के पूजन के लिए पसंद कर रहे हैं। नगर के सबसे सिंधिया राजपरिवार की कुलदेवी मांढरे की माता के मंदिर, आमखो स्थित काली माता का मंदिर, सातऊ गांव में विराजित मां शीतला के मंदिर, पुराने जिला कोर्ट के पास हाईकोर्ट वाली काली माता, नाका चंद्रवदनी पर स्थित नहर वाली माता, झांसी रोड पर स्थित वैष्णो देवी माता का मंदिर, नई सड़क पर स्थित पहाड़ी वाली माता मंदिर सहित अन्य देवी मंदिरों में तैयारियां शुरू हो गई है।
नईसड़क, जीवाजी गंज, लक्ष्मीगंज, बहोड़ापुर में देवी स्वरूपों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। कलाकार मूर्तियों का रंगों से मां का श्रृंगार कर रहे हैं। तीन अक्टूबर को घटस्थापना के साथ आदिशक्ति विराजित की जाएंगीं। नौ दिन तक आराधना कर नवमी व विजय दशमी के दिन विसर्जित किया जाएगा।