
ग्वालियर के टेकनपुर स्थित BSF (बॉर्डर सिक्युरिटी फोर्स) की दो महिला आरक्षक संदिग्ध हालात में 26 दिन से लापता है। आखिरी बार दोनों को 6 जून 2024 को देखा गया था। उसके बाद से दोनों का कुछ पता नहीं है। लापता एक महिला आरक्षक जबलपुर की है, जबकि दूसरी मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल की है। दोनों महिला आरक्षक की आखिरी लोकेशन पश्चिम बंगाल के बहरामपुर के बीकन अस्पताल के पास मिली है। यहां CCTV कैमरे में वह रिकॉर्ड हुई है। लापता बेटी को तलाशने के लिए जबलपुर से महिला आरक्षक आकांक्षा निखर की मां उर्मिला निखर ग्वालियर से लेकर पश्चिम बंगाल तक दर-दर भटक रही हैं। हालांकि BSF ने बिलौआ थाना में गुमशुदगी की रिपोर्ट की है। महिला आरक्षक की मां उर्मिला ने मंगलवार को जनसुनवाई में पहुंची। मां ने पुलिस अफसरों से गुहार लगाई है कि 26 दिन हो गए हैं मेरी बेटी को लापता हुए। उसकी जिंदगी खतरे में है, उसको लेकर गई महिला आरक्षक शाहाना खातून और उनके परिजन को सब पता है वह कुछ बता नहीं रहे हैं।
मध्य प्रदेश के जबलपुर जोगी मोहल्ला निवासी उर्मिला निखर पत्नी स्व. जगदीश प्रसाद निखर ने पुलिस अफसरों से मुलाकात कर बताया कि मेरी बेटी अकांक्षा निखर, सीमा सुरक्षा बल के सहायक प्रशिक्षण केन्द्र ग्वालियर मध्य प्रदेश में साल 2021 से बतौर प्रशिक्षक पदस्थ थी। जनवरी 2023 में हमें पता लगा था कि मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल निवासी महिला आरक्षक शाहाना खातून उसके ही बैच में है। यह बात अकांक्षा ने ही अपने परिजन को बताई थी। दोनों में अच्छी दोस्ती हो गई थी। मार्च 2024 में शाहान खातू, अकांक्षा से मिलने उनके घर पहुंची थी। करीब चार दिन रही और पूरा जबलपुर घूमा। इसके बाद दोनों बंगाल घूमने जाने की कह कर निकल गई थीं। वहां महिला आरक्षक अकांक्षा, अपनी सहेली आरक्षक शाहाना खातून के घर पर भी ठहरी थी। इसके बाद से ही उर्मिला का अपनी बेटी से संपर्क कुछ कम होने लगा। अकांक्षा उतने मन से बात नहीं करती थी। उर्मिला के अनुसार 5 जून को उनकी बेटी से बात हुई है। वह अनमने मन से बात कर रही थी। 6 जून रात 8 बजे ग्वालियर BSF टेकनपुर सहायक प्रशिक्षण केन्द्र से फोन आया कि क्या आपकी बेटी अकांक्षा घर आई है। उर्मिला के मना करने पर BSF से बताया गया कि छह जून की सुबह से उनकी बेटी अपनी दोस्त शाहाना खातून के साथ कहीं चली गई है। जिसकी गुमशुदगी हमारे द्वारा बिलौआ थाना में दर्ज करा दी गई है। गुमशुदगी दर्ज कराए 26 दिन बीत गए हैं, लेकिन पुलिस अभी तक मेरी बेटी का कुछ भी पता नहीं लगा सकी है। BSF के अफसरों से लापता महिला आरक्षक की मां से पता लगा है कि दोनों महिला आरक्षक छह जून की सुबह 10 बजे से लापता हैं। इसी दिन शाम को उनकी लोकेशन दिल्ली में मिली थी। 07 जून को करीब शाम 4 बजे उनकी लोकेशन हाबड़ा पश्चिम बंगाल में मिली।
इसी दिन रात 11.30 बजे उनकी लोकेशन बहरामपुर रेलवे स्टेशन मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल आई। इसके बाद दोनों ने बहरामपुरा में एक ऑटो ड्राइवर का फोन मदद के लिए मांगकर उपयोग किया है। यहां 7-8 जून की दरमियानी रात 12.03 बजे से 12.11 बजे के बीच शाहाना खातून ने अपनी बड़ी बहन व मां से बातचीत की थी। यहां से बात करने के बाद दोनों बीकन अस्पताल पहुंची हैं। यहां शाहाना की बहन का बेटा भर्ती था। यहां CCTV कैमरे मंे दिन में 12.20 दोनों नजर आ रही हैं। यहां से BSF ने CCTV फुटेज लिए हैं। इसके बाद एक सिल्वर कलर की इको वैन में बैठकर कही निकल गए। इस मामले में सीएसपी विश्वविद्यालय हिना खान का कहना है कि महिला आरक्षक की मां टेकनपुर से आई थी उनका कहना था कि उनकी बेटी एक अन्य महिला आरक्षक साथ कहीं चली गई है। 26 दिन हो गए हैं बिलौआ थाना में गुमशुदगी दर्ज कराए, लेकिन कोई पड़ताल नहीं हुई है। जहां उसकी आखिरी लोकेशन मिली है वहां तक पुलिस गई ही नहीं है।

