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ग्वालियर। जातिगत जनगणना का केंद्र सरकार ने ऐलान कर दिया है, जिसके बाद अब अगले साल से जनगणना का काम शुरू हो जाएगा। इस जनगणना होने के बाद विधानसभा से लेकर लोकसभा क्षेत्रों में भी वृद्धि होने की संभावना है, क्योंकि केंद्र सरकार ने महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का व्यवस्था कर दी है, लेकिन उसका पालन 2029 के बाद होना है इसलिए उसके हिसाब से जनगणना के दौरान ही सीटों का इजाफा किया जा सकता है। ग्वालियर से सटे मालनपुर में औद्योगिक इकाइयां लगी हुई हैं जबकि उसका जिला भिण्ड आता है। ऐसे में वहां के व्यापारियों को काम को लेकर भिण्ड जाना होता है, जो दूरी के हिसाब से काफी है इसलिए संभावना है कि जनगणना के बाद मालनपुर के इलाके को ग्वालियर जिले में शामिल किया जा सकता है।
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देश में जनगणना हर 10 साल में की जाती है, लेकिन उसे करीब 14 साल से ऊपर का समय हो गया है, लेकिन उसकी शुरुआत अभी तक नहीं हो सकी है। विपक्षी दलों की जातिगत जनगणना की मांग को लेकर अब केंद्र सरकार ने ऐलान कर दिया है कि अगले साल 2026 से जातिगत जनगणना की जाएगी तो उसी के बाद लोकसभा से लेकर विधानसभा क्षेत्रों का परिसीमन भी हो जाएगा। जनगणना के बाद होने वाले परिसीमन को लेकर राजनेता अभी से सजग हो गए और वह उसी हिसाब से अपना काम भी कर रहे हैं। ग्वालियर जिले में अगर मालनपुर इलाका जुड़ता है तो जिले में दो विधानसभा क्षेत्र बढ़ने की संभावना बढ़ जाएगी। वर्तमान में मतदाताओं की संख्या के हिसाब से जिले की विधानसभा क्षेत्रों में काफी अंतर है। जनगणना से मतदाताओं की संख्या के साथ ही आबादी बढ़ने का पता चल जाएगा और जातिगत आंकड़ा भी सामने आ जाएगा। लोकसभा में महिलाओं को विधानसभा व लोकसभा में आरक्षण देने का कानून पास होने के बाद से अब महिलाओं के लिए ग्वालियर जिले में एक विधानसभा सीट आरक्षित हो सकती है।
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उद्योगपतियों व व्यापारियों को होती है काफी परेशानी
प्रदेश सरकार लगातार इन्वेस्टर्स मीट कर उद्योगपतियों को प्रदेश में उद्योग लगाने आमंत्रित कर रही है। उनको होने वाली परेशानी को भी दूर करने का काम किया जा रहा है। दिवंगत माधवराव सिंधिया ने अपने प्रयासों से अंचल के मालनपुर व बानमोर में उद्योग स्थापित कराए थे, ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। उद्योग काफी संख्या में आए भी और स्थानीय लोगों को रोजगार भी काफी मिला, लेकिन माधवराव सिंधिया के देहांत के बाद से ही उस तरफ अंचल के किसी नेता ने खास ध्यान नहीं दिया जिसके कारण मालनपुर से काफी फैक्टरियां बंद हो गईं, जिसके कारण युवाओं का रोजगार छिन गया था। अब बानमौर तो मुरैना के नजदीक है, लेकिन मालनपुर भिंड जिले में आता है, लेकिन जिला मुख्यालय की वहां से दूरी करीब 65 किमी है जबकि ग्वालियर से मालनपुर मात्र 14 किमी दूरी पर है। इसको लेकर व्यापारी कई बार अपनी परेशानी से सरकार को अवगत करा चुके हैं। इस परेशानी को ध्यान में रखते हुए होने वाले परिसीमन में मालनपुर का क्षेत्र ग्वालियर जिले में शामिल किया जा सकता है।
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