
ग्वालियर। कहने को स्मार्ट सिटी और क्षतिग्रस्त सड़कें, उफनाते सीबर, झुके खंभे, गंदी सड़कें। इसे ही अधिकारी ग्वालियर स्मार्ट सिटी कहते है। लेकिन उनको शायद स्मार्ट सिटी का मतलब पता नहीं है या फिर ये मलाई खाने में मदमस्त है।
ग्वालियर स्मार्ट सिटी की बात की जाये तो यह अपने आप में अनूठी है। यहां के अधिकारी सिटी को कागजों में स्मार्ट बताकर अपनी पीठ सरकार और उनके नुमाइंदों से थपथपा रहे है। जबकि जमीन पर हालत बद से बदतर है। दाना ओली स्थित ओमजी फैनी बाले के सामने सड़क पर लगा विद्युत खम्भा इतना झुक चुका है। कभी भी तेज हवा या आंधी के चलते सड़क पर गिर सकता है और यहां से निकलने वाले राहगीरों के साथ हादसा भी हो सकता है। लेकिन विद्युत विभाग के आलाधिकारी आंखों पर पट्टी बांध कर बेठे हुए हैं। फूलबाग गुरुद्वारा रोड मोती पेलेस के सामने तिराहे पर लगा ट्रेफिक सिग्नल पूरा टेढ़ा हो चुक है। इसके कारण हादसे का डर बना रहता है। लेकिन मजाल है किसी अधिकारी और कर्मचारी जो इस ओर ध्यान दें। अधिकारी तो मलाई खाने में मस्त है। अगर हादसा होता है तो हो जाये जान पर आम आदमी की ही बात आयेगी। प्रशासन में बैठों का क्या जायेगा? कांग्रेस नेता अनूप जौहरी ने बताया कि स्मार्ट सिटी में जगह जगह हादसे के प्वाइंट है, लेकिन प्रशासन में बैठे लोगों को यह दिखाई नहीं पड़ता है। अब फूलबाग गुरुद्वारा रोड मोती पेलेस के सामने तिराहे पर लगा ट्रेफिक सिग्नल पूरा टेढ़ा हो चुक है। यह कभी भी आंधी बारिश में जड़ से उखड़ कर रोड से निकलने बाले किसी भी राहगीर पर गिर सकता है। इस सडक पर अधिकांश समय ट्रेफिक जाम की भी समस्या दिन में कई बार होती है जिससे हादसे का अंदेशा बढ़ रहा है। परंतु अधिकारी कर्मचारी इतनी व्यस्त रोड पर हादसे के इस ट्रेफिक सिग्नल को हटा क्यों नहीं देते है।
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