टू लेन होगी मुरार-चितौरा रोड, डबल होगी चौड़ाई

ग्वालियर| मुरार से लेकर भिंड जिले के गोहद और मौ को जोड़ने वाले स्टेट हाइवे मुरार-चितौरा रोड का 127.35 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निर्माण किया जाएगा। रोड को नए सिरे से तैयार करने के साथ ही इसकी चौड़ाई भी डबल की जाएगी। अभी यह रोड सिंगल लेन है, जिसे टू-लेन में परिवर्तित किया जाना है। वर्तमान में इस रोड की चौड़ाई पांच मीटर है। इतनी चौड़ी रोड से ही यहां बड़े डंपर, ट्रक, कारें और दोपहिया वाहन निकलते हैं। लेकिन अब इस रोड को 10 मीटर चौड़ा बनाया जाएगा।
इस प्रोजेक्ट को न्यू डेवलपमेंट बैंक से मिले लोन से पूरा किया जाएगा। इसके लिए मप्र रोड डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीआरडीसी) को जिम्मेदारी सौंपी गई है। एमपीआरडीसी ने इसकी टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। इस रोड को भविष्य की जरूरत को देखते हुए वर्ष 2046 तक के लिए तैयार किया जाएगा। रोड की शुरूआत मुरार में छावनी एरिया समाप्त होने के बाद होती है। यहां से लेकर बड़ागांव में ग्वालियर बायपास तक बने पुल तक 3.640 किमी लंबाई के साथ यह रोड फोरलेन है, इसकी चौड़ाई 14 मीटर है। इसके बाद यह साढ़े पांच मीटर चौड़ी रह जाती है। चितौरा की ओर 100 मीटर लंबाई में फिर से यह रोड फोरलेन हो जाती है, जहां टोल नाका भी बना हुआ है। अब नए प्रोजेक्ट के अंतर्गत जितने हिस्से में यह रोड साढ़े पांच मीटर चौड़ी है, उसे 10 मीटर चौड़ा कर दिया जाएगा। इसके लिए एमपीआरडीसी को भू-अर्जन भी नहीं करना होगा, क्योंकि वर्तमान रोड से दोनों तरफ चौड़ीकरण के लिए पर्याप्त जगह मौजूद है।
इस रोड से हर दिन औसतन साढ़े छह हजार वाहनों का आवागमन होता है। एमपीआरडीसी द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार यहां में से लगभग 3800 दोपहिया वाहन, 600 तिपहिया वाहन यानी आटो, 1200 कारें, 200 लाइट कमर्शियल व्हीकल, 40 बसें और 450 हेवी कमर्शियल वाहनों का आवागमन होता है। ऐसा अनुमान है कि वर्ष 2046 तक यहां ट्रैफिक लोड लगभग तीन गुना हो जाएगा। यहां से 11100 दोपहिया वाहन, 1700 तीन पहिया वाहन, 3500 कारें, 550 लाइट कमर्शियल व्हीकल, 100 बसें और 1200 से अधिक हेवी कमर्शियल व्हीकल गुजरा करेंगे। इस हिसाब से सड़क का निर्माण कराया जाएगा।

नए सिरे से तैयार होंगे पुल
इस पूरे मार्ग पर साढ़े 16 किमी बाद एक बड़ा बाक्स गार्डर ब्रिज पड़ता है, जो नहर के ऊपर बना हुआ है। इसके अलावा चार छोटे पुल भी हैं। इन सभी का निर्माण नए सिरे से कराया जाएगा, क्योंकि ये सभी पुरानी डिजाइन में बने हुए हैं। इस पूरी रोड पर कुछ हिस्सा आरसीसी भी है, जिसे बिटुमिन यानी डामर में परिवर्तित किया जाएगा। चूंकि मुरार से चितौरा तक जाने के लिए यह एकमात्र रोड है, ऐसे में यहां टुकड़ों में काम किया जाएगा। पहले एक हिस्से में काम पूरा होने के बाद दूसरे हिस्से में शुरू कराया जाएगा, ताकि ट्रैफिक प्रभावित ना हो।