
(धीरज बंसल)
ग्वालियर। शहर में यातायात पुलिस बस वसूली की कार्रवाई तक सिमट कर रह गई है। यातायात पुलिस का काम यातायात मैनेजमेंट का है, लेकिन यातायात पुलिस को बस चालानी कार्रवाई और वसूली ही पसंद है। भले ही शहर जाम में फंसा हो, लेकिन यातायात पुलिस यातायात को सुचारू करने से दूर भागती है। वह सिर्फ यह देखती है किससे वसूली करनी है।
शहर का यातायात बुरी तरह बिगड़ा हुआ है। सुबह से लेकर रात तक अलग अलग सड़कों पर जाम लगा रहता है। यह जाम यातायात के मिस मैनेजमेंट के कारण लगता है। शहर में यातायात सुलभ और सुचारू रहे यह जिम्मेदारी यातायात पुलिस की होती है। लेकिन ग्वालियर में यह जिम्मेदारी निभाने में यातायात पुलिस पूरी तरह से फिसडडी साबित हो रही है। पुलिस का ध्यान यातायात मैनेजमेंट पर है ही नहीं। दिनभर अलग अलग सड़कों पर जाम लगा रहता है। खासकर स्कूल की छुटटी होने पर कंपू, पाटनकर बाजार, काजल टाकीज रोड सहित कई इलाके बुरी तरह जाम में जकड़ जाते है। लेकिन खैर है यातायात पुलिस इस ओर ध्यान दें। हां यातायात पुलिस कर्मी जहां वसूली के चांसेज ज्यादा है वहां रसीद कटटा लेकर खड़े जरूर दिखाई देते है और बस उनका ध्यान पूरा ऐसे वाहन चालकों पर होता है जो उन्हें राजस्व दे सकें। भले ही शहर जाम में जकड़ा रहे, लेकिन यातायात पुलिस इस तरफ ध्यान नहीं देगी।
शहर जाम में जकड़ा, लेकिन यातायात पुलिस वसूली तक सीमित

