छह साल से नियुक्तियों की बाट जोह रहा म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग, दूसरे विभागों की घुसपैठ

म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग कार्यालय पिछले कई सालों से कमोबेश खाली जैसा है। यहां पदाधिकारियों की नियुक्ति न होने से यहां सीमित स्टाफ ही मौजूद है। इसी स्थिति को अवसर मानते हुए यहां नवगठित मां अहिल्या कल्याण बोर्ड की घुसपैठ शुरू हो गई है। हाल ही में यहां बोर्ड अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र सिंह पाल को कमरा आवंटित कर दिया गया है। शासन की इस व्यवस्था में डॉ. पाल को अलॉट किया गया कक्ष आयोग सदस्य के लिए आरक्षित केबिन है लेकिन आयोग में फिलहाल किसी पदाधिकारी की मौजूदगी न होने से यहां सभी कक्ष खाली हैं।
नियमानुसार म.प्र. राज्य अल्पसंख्यक आयोग की कार्यकारिणी तत्काल बनना चाहिए लेकिन वर्ष 2019 में नियाज मोहम्मद की अध्यक्षता वाले आयोग के बाद यहां नई नियुक्ति नहीं हो पाई है। बीच में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार के दौर में यहां नियुक्ति का सिलसिला शुरू हुआ था। इस दौरान उज्जैन की कांग्रेस नेत्री नूरी खान को बतौर सदस्य नियुक्त किया गया था लेकिन सरकार बदलने के साथ यह पद भी रिक्त हो गया। राज्य अल्पसंख्यक आयोग के जिम्मे प्रदेश के अल्पसंख्यक समुदाय के लिए बेहतर योजनाओं की सिफारिश का काम है। समुदाय की विभिन्न शिकायतों पर आवश्यक कार्रवाई करने के लिए यहां से कार्रवाई होती है, साथ ही समुदाय के आपसी मामलों को लेकर यहां मजिस्ट्रियल सुनवाई का प्रावधान भी है लेकिन नियुक्तियों के अभाव में ये सारी गतिविधियां ठप पड़ी हैं। प्रदेश के निगम मंडल में नियुक्तियां लगातार टल रही हैं। राजनीतिक और सरकार के अलग-अलग कार्यक्रमों के चलते इन नियुक्तियों की राह रुकी हुई है।