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पीएचई का करोड़ों का बकायादार बना जेएएच

ग्वालियर। अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जेएएच पीएचई विभाग का करोड़ों रुपए का बकायादार हो गया है, पुराना बिल नहीं भरने की वजह से जेएएच पर नल के बिल का 1 करोड़ 80 लाख रुपए बकाया हो गया है। सालों से चले आ रही यह पेंडिग निपटने का नाम नहीं ले रही है। जहां एक ओर पीएचई विभाग बार-बार बिल में बकाया लगाकर भेज रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रबंधन पिछले बकाया का रिकॉर्ड मांग रहा है। यह मामला अभी का नहीं पिछले कई सालों पुराना है। प्रबंधन में जो पदाधिकारी आए वह करंट बिल तो भरते रहे, लेकिन किसी…

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ग्वालियर। अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जेएएच पीएचई विभाग का करोड़ों रुपए का बकायादार हो गया है, पुराना बिल नहीं भरने की वजह से जेएएच पर नल के बिल का 1 करोड़ 80 लाख रुपए बकाया हो गया है। सालों से चले आ रही यह पेंडिग निपटने का नाम नहीं ले रही है। जहां एक ओर पीएचई विभाग बार-बार बिल में बकाया लगाकर भेज रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रबंधन पिछले बकाया का रिकॉर्ड मांग रहा है। यह मामला अभी का नहीं पिछले कई सालों पुराना है।

प्रबंधन में जो पदाधिकारी आए वह करंट बिल तो भरते रहे, लेकिन किसी ने भी इस बकाया को निपटाने की कोशिश नहीं की। हालांकि इस मामले में वर्तमान प्रबंधन के अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि हमें जानकारी नहीं है कि यह बकाया कब का है वर्तमान में हर माह पानी का बिल 18-20 लाख रुपए आ रहा है, उसे हम समय पर भर रहे हैं।

जेएएच के पास इस बिल के संबंध में बकाया की कोई जानकारी नहीं है कि यह बिल कब से कब तक का है। दूसरी ओर ऐसा प्रतीत हो रहा है कि पीएचई विभाग भी इसको लेकर सीरियस नजर नहीं आ रहा है। प्रबंधन की ओर से कई बार बकाया का रिकॉर्ड मांगा गया है, लेकिन विभाग इसकी जानकारी उपलब्ध नहीं करा रहा है। वर्तमान पदाधिकारी भी यही बात कह रहे हैं कि रिकॉर्ड उपलब्ध कराया जाए तो बजट में इसके लिए प्रयास किए जा सकते हैं।

ग्वालियर। अंचल का सबसे बड़ा अस्पताल जेएएच पीएचई विभाग का करोड़ों रुपए का बकायादार हो गया है, पुराना बिल नहीं भरने की वजह से जेएएच पर नल के बिल का 1 करोड़ 80 लाख रुपए बकाया हो गया है। सालों से चले आ रही यह पेंडिग निपटने का नाम नहीं ले रही है। जहां एक ओर पीएचई विभाग बार-बार बिल में बकाया लगाकर भेज रहा है, वहीं दूसरी ओर प्रबंधन पिछले बकाया का रिकॉर्ड मांग रहा है। यह मामला अभी का नहीं पिछले कई सालों पुराना है। प्रबंधन में जो पदाधिकारी आए वह करंट बिल तो भरते रहे, लेकिन किसी…

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