
ग्वालियर। कुछ दिन पूर्व आनंद नगर के पास खुले चेंबर में गिर जाने से एक युवक असमय मौत के मुंह में चला गया। साल भर पहले ऐसे ही एक खुली चेंबर में गिर जाने से अनादि टीवी के एक पत्रकार की मौत हो गई थी। यह दुर्घटनाएं हैं जो नगर निगम की लापरवाही और उसके नाकारापन की पोल खोलती हैं। ऐसे मामलों में नगर निगम के अफसर कितने असंवेदनशील हैं, नगर निगम द्वारा इस मामले में की गई कार्यवाही से पता चलता है। इस मामले में नगर निगम ने इनविराड कंपनी के सुपरवाइजर के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्णय लिया है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि ठेकेदार कंपनी इन विराड को क्यों बक्श दिया गया। नियम अनुसार इसमें सुपरवाइजर के साथ-साथ ठेकेदार के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन नगर निगम के अफसर लीपापोती करने में जुट गए हैं।
सूत्र बता रहे हैं कि कहीं ना कहीं इस मामले में फर्म के मालिक को बचाया जा रहा है। पिछले साल जब पत्रकार की मौत हुई थी, तब नगर निगम ने ठेकेदार के खिलाफ न सिर्फ मामला दर्ज कराया बल्कि उसे ठेकेदार को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया। लेकिन ताजा मामले में ऐसा क्यों नहीं किया जा रहा है। इनविराड बड़ी कंपनी है और उसके जिस सुपरवाइजर के खिलाफ एक्शन की तैयारी हो रही है, उसके पास अमृत योजना सहित नगर निगम के कई बड़े प्रोजेक्ट का ठेका है। यानी नगर निगम के अफसर बड़ी मछली पर हाथ डालने को तैयार नहीं है। यह भी संभव है कि ठेकेदार फर्म का गुजरात कनेक्शन हो, क्योंकि गुजरात की कंपनियों के पास ही अमृत योजना के तहत कराए जा रहे कार्यों का ठेका है। वहीं बरसात ने सड़कों में गहरे गड्ढे कर दिए हैं। लेकिन नगर निगम को इन गड्डों को भरने की सुध नहीं है। आनंद नगर में हुए इस हादसे के बाद नगर निगम ने यह भी पता करने की जहमत नहीं उठाई कि शहर में ऐसे कितने चेंबर खुले हुए पड़े हैं जो कभी भी जानलेवा साबित हो सकते हैं। नगर निगम के अफसर ठेकेदारों पर मेहरबान है। थाटीपुर क्षेत्र की न्यू नेहरू कॉलोनी में एक मल्टी गिरने की हालत में आ गई। नगर निगम ने इसमें रहने वाले परिवारों से फ्लैट तो खाली करा लिए लेकिन ठेकेदार के खिलाफ अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुई है। नगर निगम की तरफ से उसे सिर्फ नोटिस भेजा गया है। ठेकेदार कहां है इसकी जानकारी भी नगर निगम को नहीं है। मल्टी के ठेकेदार के खिलाफ नगर निगम के अफसरों में अब तक एफ आई आर भी दर्ज नहीं कराई है।
निगम के अधिकारी ठेकेदारों पर मेहरबान क्यों ?

