भाजपा को बंपर जीत दिलाने वाले कार्यकर्ता हताश और निराश, सरकार नहीं कर रही निगम मंडलों का गठन

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव को हुए पूरे 8 महीने बीत चुके हैं, इसके बावजूद निगम मंडलों के पदाधिकारियों का गठन नहीं किया गया है। इसको लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं में नाराजगी गहराती जा रही है। कार्यकर्ता हताश और परेशान है। पार्टी नेताओं से अब वह दूरी भी बना रहे है।
बता दें कि, अक्टूबर 2023 में विधानसभा चुनाव हुए थे तथा नवंबर में सरकार बन चुकी थी। उसके बाद लोकसभा चुनाव पर फोकस किया जाने लगा। इस बीच निगम मंडलों के पदाधिकारियों की नियुक्ति पर निर्णय लेना बेमानी समझा जा रहा था। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जी-जान लड़ाकर मेहनत की जिसका परिणाम यह हुआ कि पूरे प्रदेश में भाजपा की एक छात्र सीटें आई। भाजपा पूरी 29 की 29 सीटें लेकर संसद में पहुंची। यह सब पार्टी कार्यकर्ताओं की मेहनत का परिणाम बताया जा रहा है। लोकसभा चुनाव भी बीत चुके हैं तथा मंत्रियों को विभाग भी दिए जा चुके हैं। इसके बाद भाजपा कार्यकर्ताओं को उम्मीद थी कि अब प्रदेश सरकार का ध्यान निगम मंडलों के गठन तथा उनके पदाधिकारी की नियुक्ति पर जाएगा। लेकिन इस मामले में सरकार की खामोशी अब भाजपा कार्यकर्ताओं की बेचैनी को बढ़ा रही है।
हालांकि इस विषय पर कोई भी कार्यकर्ता बोलने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन अंदर ही अंदर सबको एक ही बात कचोट रही है कि अब प्रदेश सरकार को किस बात का इंतजार है? नाम न छापने की शर्त पर एक भाजपा कार्यकर्ता ने बताया कि विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में एक तरफा जीत का श्रेय सरकार कार्यकर्ताओं को तो दे रही है, लेकिन उनकी चिंता नहीं कर रही है। सरकार को अब अपने कार्यकर्ताओं की सुध लेनी चाहिए, जिनकी बदौलत विधानसभा तथा लोकसभा चुनाव में पार्टी को प्रचंड बहुमत से जीत हासिल हुई है। गौरतलब है कि ग्वालियर अंचल समेत प्रदेश के निगम मंडलों में कुर्सियां खाली पड़ी है। ग्वालियर की ही बात करें तो मेला, जीडीए, साडा जैसे प्रमुख निगम मंडल खाली पड़ हैं। लेकिन सरकार को उनको भरने की कोई चिंता ही नहीं है। हर बार मेला प्रशासन के हाथ में रहता है जिसके कारण मेला की गरिमा खत्म होती जा रही है।