ग्वालियर। नगर निगम और बिजली विभाग की कहानी ही निराली है। ना बिजली विभाग का मेंटनेंस कार्य कभी खत्म होता है और ना ही नगर निगम का नींद में सोना। दोनों की काली कालगुजारियों के कारण आमजन को पिसना पड़ता है। अब ये ही देख लिजिये कि जनता को इस भीषण गर्मी में बिजली कटौती की घंटों मार झेलनी पड़ रही है। जबकि दिन में भी स्ट्रीट लाईटें रोशन रहती है। बताईये दिन में स्ट्रीट लाईट जलाने की क्या जरूरत है? परंतु दोनों विभागों की अनदेखी से ही यह सब हो रहा है।
सबको पता है स्ट्रीट लाईट की जरूरत रात को सड़क रोशन के लिये होती है। लगता है नगर निगम को इस बात की जानकारी नहीं है। तभी तो बेमतलब दिन में स्ट्रीट लाईटों को जलाया जा रहा है। जबकि दिन में सूर्यदेवता रोशन रहते है। फिर भी बिजली की खपत को हानि पहुंचाई जा रही है। साथ ही निगम के राजस्व को भी इससे नुकसान हो रहा है। दिन में स्ट्रीट लाईट जलाने का कोई औचित्य ही नहीं है। फिर भी आधे शहर की स्ट्रीट लाईटें दिन में भी जलती देखी जा सकती है। नगर निगम का बिजली विभाग और मध्यप्रदेश विघुत वितरण कंपनी का भी इस पर कोई ध्यान नहीं है। इससे बिजली की बेमतलब ही खपत हो रही है। जबकि शहर में घंटों कटौती की जा रही है। इस भीषण गर्मी में घोषित और अघोषित घंटों की कटौती से लोग बेहाल है। बिजली कटौती का असर व्यापार पर भी पड़ रहा है। परंतु दिन में स्ट्रीट लाइटें धड़ल्ले से जल रही है। वहीं आमजन घंटों की विघुत कटौती की मार झेल रहे है।