संगम में नहीं थे फायर सेफ्टी के इंतजाम, आवासीय जमीनों पर धड़़ल्ले से चल रहे मैरीज गार्डन


ग्वालियर। ग्वालियर में मैरीज गार्डनों के संचालन में घोर लापरवाही बरती जा रही है। मैरीज गार्डन में ना तो फायर सेफ्टी के इंतजामात है। साथ ही तमाम खामियां भी है। संगम वाटिका और रंग महल में आगजनी के बाद जांच में पता चला है कि संचालक नरेश खंडेलवाल की लापरवाही से ही यह आगजनी की घटना घटी है। संगम में जहां फायर सेफ्टी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं थी। वहीं स्टाफ से लेकर तमाम खामियां भी थी।
संगम वाटिका अग्निकांड के बाद अब शहर की कई कालोनी आर रिहायशी इलाकों में चल रहे मैरीज गार्डन के संचालन में सांठगांठ सामने आई है। सरकार ने जिन जमीनों का गजट में आवासीय नोटीफिकेशन किया था वहां धड़ल्ले से मैरीज गार्डन का अवैध संचालन हो रहा है। दरअसल शासन ने आवासीय योजना के तहत जिन जमीनों का नोटिफिकेशन किया था वहां अब जमीनों का डायवर्सन नहीं हो सकता। बाबजूद इसके ऐसी कई आवासीय कालोनी और रिहायशी क्षेत्रों में चल रहे मैरीज गार्डन प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर रहे हैं। नियम कायदे होने के बाद अवैध रूप से मैरीज गार्डन का संचालन बिना सांठगांठ के मुमकिन नहीं है। अवैध रूप से संचालित इन मैरीज गार्डन, मैरीज हाउस व छोटी छोटी वाटिकाओं के चलते शहर में जाम की स्थिति भी बन जाती है। वहीं बिना सुरक्षा के चल रहे इन मैरीज हाउसों से रिहायशी क्षेत्रों में बड़ा खतरा बना रहता है।
क्या घड़ियाली आंसू बहा रहे थे खंडेलवाल?, उन्हीं की लापरवाही से हुई आगजनी
संगम वाटिका अग्निकांड के बाद घडियाली आंसू बहाने वाले संचालक नरेश खंडेलवाल की लापरवाही सामने आई है। पता चला है कि संगम वाटिका और रंगमहल में फायर सेफ्टी के इंतजाम पर्याप्त नहीं थे। प्रशिक्षित स्टाफ से लेकर तमाम खामियां भी उजागर हुई है। खंडेलवाल जांच दल को गार्डन संचालन की वैघ अनुमति से लेकर विद्युत सुरक्षा प्रमाणपत्र भी नहीं दिखा सके हैं। जबकि संचालक द्वारा इन वाटिकाओं के लिये लाखों रूपये की बुकिंग की जाती है।