
ग्वालियर। ग्वालियर में पीडीएस राशन को लेकर गड़बड़ी बंद नहीं हो रही है। हाल ही में जो चावल खाद्य विभाग की टीम ने पकड़ा था वह पीडीएस की सप्लाई से ही खरीदा गया था। जिस कारोबारी की गाड़ी 10 बैग चावल के साथ पकड़ी गई उसके बयान दर्ज किए गए। बयानों में उसने कहा कि वह पीडीएस की दुकानों से चावल लेने वाले हितग्राहियों से चावल 20 रुपये प्रति किलो में खरीद लेता था और बेच देता है।
जांच करने वाले अफसरों को अभी कारोबारी की बात पर यकीन नहीं है, संदेह है कि इसमें राशन के दुकानदार भी मिले हुए हैं जो चावल की सप्लाई देते हैं। कारोबारी ने यह भी बताया कि साउथ इंडियन खानपान के दुकानदारों से लेकर राइस मिल को भी चावल देता था, इससे यह साफ है कि सरकारी सप्लाई का चावल गरीबों की बजाए बाजार में बिक रहा है। विभाग के अधिकारियों ने कलेक्टर रूचिका चौहान को रिपोर्ट तैयार कर भेज दी है। बता दें कि बीते मंगलवार को ही खाद्य व नागरिक आपूर्ति विभाग ने गोला का मंदिर आदर्श नगर में लोडिंग वाहन पकड़ा था, जिसमें दस बैग चावल मिला था। पुलिस के जरिए विभाग को यह सूचना मिली थी। जांच में पाया गया कि कुल पांच क्विंटल चावल दस कट्टों में भरा पाया गया। इस मामले की जांच की गई तो पता चला कि भूमि आटो पार्ट्स चलाने वाले भोलू शाक्य का वाहन है जो चावल का कारोबार करता है। उसने अपने बयानों में बताया कि राशन दुकानदारों से जो हितग्राही चावल लेते हैं, उनसे इस चावल को सस्ते दाम में खरीद लेता है, इसके बाद शहर के अलग-अलग प्रतिष्ठानों से लेकर व्यापारियों को भी चावल की सप्लाई की जाती है। पहले राशन की दुकानों से एक हितग्राही को दो किलो चावल महीने में मिलता था, लेकिन अब यह तीन किलो मिलता है। इस हिसाब से अगर पांच लोगों का परिवार है तो पंद्रह किलो चावल महीने का हो जाता है। कारोबारी ने यह भी बताया कि चावल ज्यादा घरों में खप नहीं पाता है, इसलिए लोग चावल बेच देते हैं। इसी कारण चावल आसानी से भी मिल जाता है। यहां गेंहू ज्यादातर लोग खाते हैं और घरों में चावल बच जाता है।

